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बिजनेस

रेलवे की माल ढुलाई आमदनी 11.38 फीसदी बढ़ी

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नई दिल्ली| भारतीय रेल की माल ढुलाई से होने वाली आय अप्रैल-अक्टूबर 2014 अवधि में साल-दर-साल आधार पर 11.38 फीसदी बढ़ी। यह जानकारी रेल मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान से मिली। बयान के मुताबिक भारतीय रेलवे की आय अप्रैल-अक्टूबर 2014 के दौरान जिन्स-वार माल ढुलाई से 57,012.74 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 51,189.29 करोड़ रुपए थी।

रेलवे ने अप्रैल-अक्टूबर 2014 के दौरान 62.166 करोड़ टन जिन्स-वार माल की ढुलाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि में ढोए गए 59.327 करोड़ टन माल के मुकाबले 4.79 फीसदी ज्यादा है। अक्टूबर 2014 के दौरान रेलवे ने 8,950.69 करोड़ रुपए की आय अर्जित की, जो पिछले साल के समान महीने में अर्जित 7,731.51 करोड़ रुपए की आमदनी की तुलना में 15.77 फीसदी अधिक है। इस राशि में से 4,315.00 करोड़ रुपए 4.62 करोड़ टन कोयले की ढुलाई से प्राप्त हुई।

इसी तरह 598.62 करोड़ रुपए 83.8 लाख टन लौह अयस्क की ढुलाई से हासिल हुए। यह ढुलाई निर्यात, इस्पात संयंत्रों को आपूर्ति और अन्य घरेलू उपयोग के लिए की गई।
इस दौरान 82.4 लाख टन सीमेंट की ढुलाई से 703.94 करोड़ रुपए, 43.5 लाख टन अनाज की ढुलाई से 734.05 करोड़ रुपए, 34.8 लाख टन पेट्रोलियम ऑयल एवं लुब्रिकेंट (पीओएल) की ढुलाई से 480.52 करोड़ रुपए, इस्पात संयंत्रों तथा अन्य स्थानों से 32.1 लाख टन ढलवां लोहे एवं तैयार इस्पात की ढुलाई से 546.52 करोड़ रुपए और 42.9 लाख टन उर्वरकों की ढुलाई से 510.82 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

इसी तरह इस्पात संयंत्रों से 15.8 लाख टन कच्चे माल की ढुलाई से 166.76 करोड़ रुपए हासिल हुए, जिसमें लौह अयस्क शामिल नहीं है। वहीं, दूसरी ओर कंटेनर सेवा द्वारा 41.2 लाख टन की ढुलाई करने से 384.90 करोड़ रुपए और 53.7 लाख टन अन्य वस्तुओं की ढुलाई से 509.56 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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