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प्रादेशिक

लखनऊ : शहर में लगे होर्डिंग नगर निगम के निशाने पर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में लगे होर्डिग, बैनरों, पोस्टरों व फ्लैक्स अब नगर निगम के निशाने पर हैं। निगम के प्रचार विभाग की कार्रवाई में उन एजेंसियों के होर्डिग-पोस्टर हटाए जाएंगे, जिन्होंने निर्धारित शुल्क का 50 प्रतिशत हिस्सा अभी भी नहीं जमा किया है। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में 50 प्रतिशत तक शुल्क भुगतान करने वाली एजेंसियों के होर्डिग, बैनर, पोस्टर व फ्लैक्स को उतारा जाएगा।

प्रभारी अधिकारी (प्रचार) अशोक सिंह ने बताया कि विज्ञापन के लिए काम करने वाली सभी एजेंसियों को दो महीने पूर्व ही 50 प्रतिशत या उससे अधिक का भुगतान करने का नोटिस जारी कर दिया गया था, लेकिन बार-बार नजरअंदाज किया गया। इससे नगर निगम को विज्ञापनों के एवज में भुगतान न होने से काफी नुकसान हो रहा है।

उन्होंने बताया कि नगर निगम में 27 एजेंसियों के विज्ञापनों के प्रचार के लिए टेंडर किया गया है। इन एजेंसियों के कुल 515 होर्डिग लगे हुए हैं। एजेंसियों द्वारा 90 प्रतिशत होर्डिग का 50 फीसदी रकम का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। सिर्फ 10 फीसदी होर्डिग ऐसे हैं, जिनका शुल्क 50 फीसदी जमा कराया गया है। सिंह ने बताया कि जिन विज्ञापन एजेंसियों द्वारा शुल्क के आधा से भी कम रकम का भुगतान किया गया है, उनके विज्ञापनों का पूरा ढांचा खत्म कर दिया होर्डिग हटाने संबंधी कार्रवाई की रपट टीम को सप्ताह में देनी है। इस दौरान तय सीमा से कम वसूली या कम होर्डिग हटाए गए तो टीम से जवाब तलब किया जाएगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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