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प्रादेशिक

लेमन स्कूल यानी ‘खुद से करके देखें’

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नई दिल्ली| लेमन स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप (एलएसई) ने अनुभवजन्य उद्यमिता कार्यक्रम शुरू किया है। यह एक नए विचार के साथ सामने आया है कि ‘खुद से करके देखें’। यानी इस स्कूल में शिक्षा के दौरान कोई सैद्धांतिक पढ़ाई नहीं होगी, बल्कि काम के दौरान ही अपना रोजगार करने के बारे में सोचा और सीखा जा सकेगा। ‘अनुभवजन्य उद्यमिता एवं नवाचार’ कार्यक्रम नौ महीने का होगा। प्रथम बैच की शुरुआत जुलाई 2015 से शुरू होने जा रही है।

लेमन स्कूल के मेंटर दीपक मनेरिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कार्यक्रम में मुख्य ध्यान खुद कर के सीखने और अनुभव से लाभ उठाने पर होगा। उन्होंने कहा कि 2000 घंटे के इस कार्यक्रम के लिए संस्थान 30 अभ्यर्थियों का चुनाव किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई अर्हता सीमा तय नहीं की गई है और यह भारत तथा वैश्विक अभ्यर्थियों के लिए खुला हुआ है। यह कार्यक्रम कारोबारी परिवार के सदस्यों और ऐसे लोगों के लिए बिल्कुल मुफीद है, जो शुरू से ही नया कारोबार स्थापित करना चाहते हों या अपने पेशेवर जीवन को छोड़कर अब कारोबार स्थापित करना चाहते हों।

मनेरिया ने कहा कि हम अपने कार्यक्रम में आइडिया और अनुभव का मेल कराते हैं। उन्होंने कहा कि अभी आईटी क्षेत्र में काम करने वाले लोग विदेश में ही अपनी प्रतिभा दिखाते रहे हैं, अब समय आ गया है जब इसे देश में लागू किया जाए और रोजगार के व्यापक अवसर सृजित किए जाएं।

उन्होंने कहा कि आज के संस्थान जॉब क्रियेटर तैयार नहीं कर रहे हैं। हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं। फिलहाल हमलोग 15 स्टार्टअप को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्कूल का मोटो है ‘डू इट योरसेल्फ’ यानी खुद से करके देखें। उन्होंने कहा कि अभी तक हमने तीन वर्कशाप किए हैं, जिनमें से एक-एक स्टार्ट अप शुरू हुआ है और इसी तरह रोजगार पैदा करने वालों की संख्या बढ़ती जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्कूल की स्थापना छोटी कंपनियों को मार्गदर्शन देने वाली कंपनी लेमन आईडियाज ने की है। स्कूल की स्थापना भारतीय प्रबंधन संस्थान जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञों के सहयोग से की गई है।

उल्लेखनीय है कि लेमन आईडियाज की स्थापना दिग्गज मानव संसाधन विशेषज्ञ और उद्यमी दीपक मेनारिया ने की है, जो एक जुझारू मार्गदर्शक, नवाचारी और उद्यमी हैं और जिन्होंने लैंबेंट टेक्न ोलॉजीज (अब ग्लोबल लॉजिक) और वन फाउंडेशन जैसी कंपनियों को खड़ा किया है।

लेमन स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप के प्रमुख डॉ. राजीव राय हैं, जो आईआईएम-रायपुर के पूर्व प्रोफेसर और आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र रह चुके हैं। वह 10 वर्षो से प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में उद्यमिता की शिक्षा दे रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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