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नेशनल

लोकसभा में उठा सीआरपीएफ शिविर पर हमले का मामला

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नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)| लोकसभा में मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए हमले का मामला उठाया गया। सदन में विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। सदन में जैसे ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रवेश किया वैसे ही पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगने शुरू हो गए। कुछ सदस्यों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शून्य काल के दौरान मुद्दा उठाया और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य नेपाल सिंह की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया, जिसमें ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने कथित रूप से कहा था कि ‘जो सेना में हैं वह मरने के लिए बाध्य हैं।’

सिंधिया ने कहा, सीआरपीएफ शिविर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले में हमारे पांच जवान शहीद हो गए। चिंता की बात यह है कि एक तरफ हमारे सेना के जवान अपनी जिंदगी कुर्बान कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। पिछले तीन साल में बहुत सी घटनाएं घटी हैं..

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री भी इस मुद्दे पर चुप हैं। दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (अजित डोभाल) अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ बैठक कर रहे हैं।

डोभाल ने नसीर खान जंजुआ से 26 दिसम्बर को बैंकॉक में मुलाकात की थी।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि आतंकी हमले के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। नरेंद्र मोदी की सरकार में हमने सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर कई कदम उठाए हैं।

गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा, इस घटना के कारण पूरा देश शोकग्रस्त है। यह दुख देने वाला है लेकिन यह एक चुनौती है जो सरकार को मंजूर है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लेफ्टिनेंट जर्नल फिलिप कंपोज की अध्यक्षता में बनी समिति की रिपोर्ट पर कार्य कर रही है। समिति को पठानकोट हमले के बाद गठित किया गया था।

उन्होने कहा कि जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, आतंकी हमलों में कमी आई है।

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। साथ ही हमले में दो आतंकियों की भी मौत हो गई थी।

जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, महाजन ने भारतीय जवानों की शहादत पर शोक प्रकट किया और इस हमले को कायराना हरकत करार दिया ।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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