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लोग मुझे गोद लेना चाहते हैं : दीपिका
मुंबई | फिल्मकार शूजीत सरकार की हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘पीकू’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को अपने बूढ़े पिता का ख्याल रखने वाली एक निस्वार्थ बेटी की भूमिका निभाने के लिए काफी सराहना मिल रही है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उनकी फिल्म देखने के बाद लोग उन्हें गोद लेना चाहते हैं।
‘पीकू’ एक पिता-पुत्री के रिश्ते की कहानी है, जिसमें अभिनेता अमिताभ बच्चन ने दीपिका के 70 वर्षीय बूढ़े पिता की भूमिका निभाई है। उनका रिश्ता आम पिता-पुत्री की तरह है, उनके बीच लाख कहा-सुनी और लड़ाइयों के बावजूद यह रिश्ता बेहद मधुर एहसास देता है। इसके अलावा फिल्म में इरफान के साथ दीपिका का अजनबियत भरा रिश्ता और तालमेल भी दिलचस्प है। दीपिका ने एक साक्षात्कार में बताया, “फिल्म को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।” फिल्म में उनका किरदार एक आत्मनिर्भर और खुले विचारों वाली युवती का है।
दीपिका ने कहा, “हम सबने यही सोचा था कि यह एक प्यारी फिल्म है और दर्शकों को कहानी से जोड़ पाएगी। लेकिन हमने इतनी बड़ी कामयाबी की अपेक्षा नहीं की थी, यह तो हमारे नियंत्रण से भी आगे निकल गई है। आपको यह हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ी बात यह हुई कि फिल्म देखने के बाद कई लोग मुझे गोद लेना चाहते हैं।” दीपिका ने कहा कि यह उनके लिए सबसे बड़ी सराहना है।
उन्होंने कहा, “फिल्म ‘पीकू’ देखने के बाद कई लोगों ने मुझसे कहा कि वे मुझे गोद लेना चाहते हैं। यह बेहद भावविभोर कर देने वाला अनुभव है।” दीपिका के पिता प्रकाश पादुकोण पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनका कहना है कि उनका परिवार भी ‘पीकू’ देखने के बाद अचंभित रह गया। उन्होंने बताया, “मेरा परिवार मेरा सबसे बड़ा आलोचक है। वे मेरी सभी फिल्में देखते हैं और हमेशा कहते हैं कि थोड़ा और बेहतर कर सकती थी। लेकिन ‘पीकू’ देखने के बाद पहली बार उन्होंने मुझे फोन किया और कुछ कहा नहीं।” दीपिका ने बताया, “मेरे घरवालों के पास भी ‘पीकू’ देखने के बाद कुछ कहने के लिए शब्द नहीं थे।”
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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