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लाइफ स्टाइल

ल्यूमेनिस लेकर आई टैटू हटाने की क्रांतिकारी तकनीक

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नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)| जीवनशैली में बदलाव और नवीनतम चलन में हो रहे तेजी से बदलाव के कारण टैटू हटाना और त्वचा का कायाकल्प करवाना हाल के दिनों में युवाओं में लोकप्रिय हुआ है। इसे देखते हुए मेडिकल डिवाइस बनाने वाली दुनिया की प्रमुख कंपनी ल्यूमेनिस इंडिया ने पहली बार भारत में क्रांतिकारी तकनीक ‘नेचुरलेज क्यूएस’ लांच किया है, जो त्वचा का कायाकल्प करती है और स्थायी टैटू को पूरी तरह से हटा देती है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘नेचुरलेज क्यूएस’ दुनिया की एक उन्नत उच्च ऊर्जा क्यू-स्विच्ड प्रणाली है, जो त्वचा रंजकता और टैटू को हटाने में प्रयोग किया जाता है। यह हर रंग के और हर तरह के टैटू को हटाने में सक्षम है, साथ ही यह त्वचा के बालों को भी हटाती है तथा सटीक और बेहतर नतीजे प्रदान करती है।

कंपनी ने कहा कि यह तकनीक भारत में पहली बार लांच की गई है और इसे नई दिल्ली स्थित डॉ. पी. एन. बहल स्किन इंस्टीट्यूट एंड स्कूल ऑफ डर्माटोलॉजी में लगाया गया है। कंपनी का दावा है कि यह तकनीक टैटू हटाने की अन्य तकनीक से बेहतर है।

ल्यूमेनिस इंडिया के दक्षिण एशिया प्रमुख धर्मेद्र मिस्त्री ने बताया, ‘नेचुरलेज क्यूएस’ के लांच के साथ ही उन लोगों के लिए मौका है जो टैटू बनवाने के बाद पछता रहे हैं। साथ ही जो लोग सैन्य सेवाओं में जाना चाहते हैं, उन्हें भी कड़े नियमों के कारण अपना टैटू हटाने की जरूरत पड़ती है। इस तकनीक से टैटू हटाने से सैन्य अस्पतालों को आसानी से इसका पता नहीं चलता है।

स्किन इंस्टीट्यूट और स्कूल ऑफ डर्मेटोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विकास कपूर ने बताया, स्किन इंस्टीट्यूट देश में पहली बार ‘नेचुरलेज क्यूएस’ (क्यू-स्विच लेजर) लेकर आई हैं। यह त्वचा संबंधी सभी तरह की परेशानी का सुरक्षित, प्रभावी और लंबे समय तक कारगर उपचार है। स्किन इंस्टीट्यूट सस्ती कीमतों पर भरोसेमंद और सबसे बेहतर तकनीक प्रदान करती है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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