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विजिंजम बंदरगाह पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार : अच्युतानंदन

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तिरुवनंतपुरम, 22 मई (आईएएनएस)| केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन ने प्रस्तावित विजिंजम बंदरगाह को ‘प्रदेश के हितों के प्रतिकूल’ बताते हुए सोमवार को इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। राज्य विधानसभा में अपने प्रतिवेदन में इस मुद्दे को उठाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता ने कहा कि चूंकि पूर्ववर्ती ओमन चांडी सरकार ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया और परियोजना के लिए अडानी पोर्ट्स से समझौता किया, केवल इसलिए इस समझौते पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।

अच्युतानंदन ने कहा, वाम दलों ने साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि अगर वाम मोर्चा की सरकार सत्ता में आती है, तो विजिंजम बंदरगाह समझौते पर दोबारा विचार किया जाएगा। यह समझौता पारदर्शी तरीके से नहीं किया गया और राज्य के हितों के अनुकूल नहीं है, इसलिए सरकार को इसपर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में राज्य के बंदरगाह मंत्री कदनापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर गौर करेगी।

उल्लेखनीय है कि ओमन चांडी की सरकार ने अडानी पोर्ट्स के साथ साल 2015 में 7,525 करोड़ रुपये के विजिंजम परियोजना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। पहले चरण का काम लगभग पूरा होने को है।

परियोजना के लिए केवल अडानी पोर्ट्स ने ही बोली लगाई थी और इसके लिए अनुदान के रूप में 1,635 करोड़ रुपये की मांग की थी।

समझौते के मुताबिक, अडानी 40 वर्षो तक बंदरगाह का संचालन करेगी, जिसे आगे 20 साल और बढ़ाया जा सकता है। वहीं राज्य सरकार को बंदरगाह संचालन शुरू होने के 15 वर्षो बाद इससे होने वाली आय का एक हिस्सा मिलेगा।

समझौते के इसी बिंदु पर अच्युतानंदन ने ऐतराज जताया है। बीते साल मई महीने में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि बंदरगाह परियोजना आगे बढ़ेगी और समझौते पर पुनर्विचार नहीं होगा।

प्रस्तावित विजिंजम परियोजना तीन चरणों में पूरी होनी है। बंदरगाह बनने के बाद 18,000 टीईयू (20-फुट समतुल्य इकाई) क्षमता वाले जहाज यहां ठहर सकेंगे।

प्रस्तावित बंदरगाह व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय मार्ग के निकट स्थित है और इससे सालाना 41 लाख कंटेनरों की ढुलाई हो सकेगी।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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