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नेशनल

‘विनिर्माण में कटौती का जीएसटी से कोई संबंध नहीं’

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)| नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय का कहना है कि देश के विनिर्माण उत्पादन में आई गिरावट के पीछे जीएसटी को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा, क्योंकि विनिर्माण उद्योग ऐसी समस्याओं से जूझ रहा है, जिसका समाधान कर प्रणाली में सुधार कर हासिल नहीं किया जा सकता।

देबरॉय ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, जीएसटी का विनिर्माण पर असर क्यों होना चाहिए? इसका एकमात्र उत्तर जो हो सकता है, वह है कि नियमों में अस्पष्टता और कुछ मामलों में जीएसटी दर की अस्पष्टता।

देबरॉय ने कहा, ये चीजें कुछ समय तक बनी रहेंगी, जिसकी हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि संक्रमण काल के समाप्त होने के साथ ही ये समस्याएं भी समाप्त हो जाएंगी।

निक्केई इंडिया सर्विसेज (पीएमआई) बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जीएसटी लागू होने के बाद देश के विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में पिछले महीने गिरवाट दर्ज की गई।

जुलाई में पीएमआई इंडेक्स 47.9 अंकों पर रहा, जो फरवरी, 2009 के बाद से न्यूनतम है, जबकि इससे ठीक पिछले महीने जून में यह 50.9 अंक पर था।

क्या किसी गंभीर समस्या से विनिर्माण क्षेत्र संकट में है? इस सवाल के जवाब में देबरॉय ने कहा, इस बात से मैं सहमत हूं।

उन्होंने कहा, जहां तक विनिर्माण क्षेत्र की बात है, तो इसे प्रभावित करने वाली समस्याओं की लंबी सूची है, जिनमें ऊर्जा और परिवहन जैसी बुनियादी अवसंरचना से जुड़ी समस्याएं, प्रक्रियागत एवं कर से जुड़ी समस्याएं और कर्ज से संबंधित समस्याएं शामिल हैं।

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि ये समस्याएं नई नहीं हैं और लंबे समय से विनिर्माण क्षेत्र की हालत खराब किए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, लेकिन परिणाम दिखाई पड़ने में कुछ समय लग सकता है।

देबरॉय ने कहा, सुधार के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनमें से किसी भी उपाय से समस्या छह महीने में ठीक नहीं हो जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र में सुधार के लिए इस सरकार ने जो भी उपाय किए हैं, उन्हें अर्थशाी आपूर्ति प्रणाली के उपाय कह सकते हैं। इसलिए इसमें समय लगेगा। तुरत-फुरत में कुछ ठीक नहीं होगा।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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