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खेल-कूद

विश्व कप में पहला बड़ा उलटफेर, आयरलैंड ने वेस्टइंडीज को हराया

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नील्सन। आयरलैंड ने सोमवार को आईसीसी विश्व कप 2015 का अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर करते हुए सैक्सटन पार्क मैदान पर हुए पूल-बी के अपने पहले ही मैच में दो बार के चैम्पियन वेस्टइंडीज को चार विकेट से पटखनी दे दी।

आयरलैंड की टीम विश्व-कप में पहले भी बड़े उलटफेर करती रही है। उसने इंग्लैंड को 2011 के विश्व-कप में हराया था।
कैरेबियाई टीम ने पहले खेलते हुए आयरलैंड के सामने 305 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे उसने अपने शीर्ष क्रम के साहसिक प्रयासों के दम पर बेहद आसानी से 45.5 ओवरों में छह विकेट खोकर हासिल कर लिया। आयरिश टीम को 25 गेंद शेष रहते मिली इस शानदार जीत में पॉल स्टर्लिग (92), एड जॉएस (84), नियाल ओब्रायन (नाबाद 79) तथा कप्तान विलियम पोर्टरफील्ड (22) ने अहम भूमिका अदा की। पोर्टरफील्ड और स्टर्लिग ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़कर आयरिश टीम को वह आत्मविश्वास दिया, जिसकी बदौलत उसने जीत की ओर कदम बढ़ाया। पोर्टरफील्ड ने 43 गेंदों पर एक चौका और एक छक्का लगाया। इसके बाद स्टर्लिग तथा जॉएस ने दूसरे विकेट के लिए 106 रन जोड़ते हुए अपनी टीम को जीत के और करीब पहुंचाने का काम किया। स्टर्लिग 177 के कुल योग पर आउट हुए। उनकी 84 गेंदों की तेज पारी में नौ चौके और तीन छक्के शामिल हैं।

स्टर्लिंग के आउट होने के बाद जॉएस ने नियाल के साथ पारी को आगे बढ़ाया और तीसरे विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी की। जॉएस का विकेट 273 रन के कुल योग पर गिरा। जॉएस ने 67 गेंदों पर 10 चौके और दो छक्के लगाए। इसके बाद आयरलैंड ने हालांकि 285, 290 और 291 के कुल योग पर तीन विकेट गंवाए लेकिन इससे उसके मनोबल और लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ा। एक छोर पर टिके रहकर नियाल ने अपनी टीम की जीत सुनिश्चित की। नियाल ने 60 गेंदों पर 11 चौके लगाए। स्टर्लिंग को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

वेस्टइंडीज की ओर से जेरोम टेलर ने तीन विकेट लिए। इससे पहले, लेंडल सिमंस (102) और डारेन सैमी (89) के बीच छठे विकेट के लिए हुई रिकार्ड साझेदारी की बदौलत वेस्टइंडीज ने टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में सात विकेट पर 304 रन बनाए। सिमंस ने 84 गेंदों का सामना कर नौ चौके और पांच छक्के लगाए जबकि सैमी ने 67 गेंदों की पारी में नौ चौके और चार छक्के लगाए। सिमंस और सैमी ने छठे विकेट के लिए 154 रन जोड़े, जो दो बार के चैम्पियन वेस्टइंडीज के लिए विश्व कप में इस विकेट के लिए साझेदारी का सबसे बड़ा योग है। आयरलैंड के ए. आर. कुसाक और केविन ओब्रायन ने 2011 में इस विकेट के लिए 162 रन जोड़े थे। यह एक रिकार्ड है।

कैरेबियाई टीम ने एक समय 87 रनों पर पांच विकेट गंवा दिए थे लेकिन सिमंस और सैमी ने अपने अदम्य साहस और धैर्य की बदौलत उसे सम्मानजनक योग तक पहुंचाने का काम किया। बहरहाल, कैरबियाई टीम के लिए क्रिस गेल ने 65 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 36, मार्लन सैमुएल्स ने 21 और आंद्रे रसेल ने नाबाद 27 रनों का योगदान दिया। रसेल ने 13 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया। आयरलैंड की ओर से जार्ज डॉकरेल ने तीन विकेट लिए जबकि जॉन मूनी, मैक्स सोरेनसेन और केविन ओब्रायन को एक-एक विकेट मिला।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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