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नेशनल

वीरभद्र एफआईआर की कॉपी लेने कोर्ट पहुंचे

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की प्रतिलिपि लेने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत पहुंचे। वीरभद्र ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश एस.सी. राजन की अदालत में आवेदन दिया। अदालत इस आवेदन की सुनवाई सोमवार की शाम तक करेगी।

सीबीआई ने जून में वीरभद्र पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में प्रारंभिक जांच की पहल की थी। इस दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में कार्यरत थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने पहले कहा था, “वीरभद्र जब इस्पात मंत्री थे, तब यह एफआईआर दर्ज कराई गई थी और उस समय भ्रष्टाचार था, जो अब साबित हो चुका है। उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।”

आय से अधिक संपत्ति के मामले में वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिह, जीवन बीमा निगम एजेंट आनंद चौहान और उनके सहयागी, चुन्नीलाल के खिलाफ 23 सितंबर को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में वीरभद्र के शिमला में जाकू हिल्स स्थित आवास पर छापेमारी की थी। इत्तेफाक से छापेमारी की घटना शिमला में मुख्यमंत्री की बेटी की शादी के दौरान हुई। छापे के दौरान मुख्यमंत्री अपने निवास में मौजूद नहीं थे। कांग्रेस ने बेटी की शादी के दिन छापेमारी की निंदा की है।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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