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प्रादेशिक

वेदांता ने राजस्थान में आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिए

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जयपुर| हिंदुस्तान जिंक, वेदांता समूह की एक कंपनी और वेदांता फाउंडेशन ने राजस्थान के पांच जिलों के 3,056 आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेने से उदयपुर, चित्तौरगढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद और अजमेर जिलों में पांचों वर्षो में तीन से छह वर्ष के आयुवर्ग के 90,000 अभावग्रस्त बच्चों को फायदा होगा।

कंपनी उनके समग्र विकास यानी पोषण, शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सहित अन्य विकास की दिशा में भी योगदान करेगी।

इस बाबत यहां बुधवार को राजस्थान सरकार, हिंदुस्तान जिक एवं वेदांता फाउंडेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।

हिंदुस्तान जिंक के कारपोरेट कम्युनिकेशन के प्रमुख पवन कौशिक ने एक बयान में कहा, “हमारा ध्यान इन ग्रामीण बच्चों के समग्र विकास एवं वृद्धि पर है। कंपनी इंटरैक्टिव ‘खेल खेल में सीखो’ विधि को बढ़ावा देने के लिए रंग-बिरंगी किताबें, चार्ट, खिलौने और अन्य प्री शैक्षिक साम्रगी मुहैया कराएगी।”

हिंदुस्तान जिंक और वेदांता फाउंडेशन आंगनवाड़ी परियोजना का संचालन खुशी अभियान के तहत करेंगी।

 

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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