Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

वेस्टइंडीज को गेल और भाग्य के सहारे की उम्मीद

Published

on

Loading

सिडनी| आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में शनिवार से शुरू हो रहे 11वें आईसीसी विश्व कप के लिए सभी टीमों की तैयारी पूरी हो चुकी है। टूर्नामेंट के तमाम प्रबल दावेदारों के बीच नजर वेस्टइंडीज टीम के प्रदर्शन पर भी होगी जो कभी क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह माना जाता था। लंबे समय से अपने खराब फॉर्म से गुजर रही कैरेबियाई टीम का सफर निश्चित रूप से इस बार भी आसान नहीं होगा। टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने गौरवपूर्ण इतिहास और फिर उसके बाद टीम के प्रदर्शन में लगातार आई गिरावट को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की होगी।

आस्ट्रेलिया और भारत के बाद वेस्टइंडीज ही एकमात्र टीम है जिसने कम से कम दो बार विश्व खिताब जीता है।

कैरेबियाई टीम में कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं लेकिन उसकी सबसे बड़ी मुश्किल उन खिलाड़ियों के एक साथ समग्र रूप से प्रदर्शन नहीं कर पाने की है।

वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) और खिलाड़ियों के बीच बीते साल हुए वेतन विवाद ने भी टीम को प्रभावित किया। इस विवाद के कारण कैरेबियाई खिलाड़ियों ने भारत दौरा बीच में छोड़ा। इसके बाद चयनकर्ताओं ने विश्व कप के लिए घोषित टीम में ड्वायन ब्रावो और कीरन पोलार्ड को शामिल नहीं किया।

मुख्य चयनकर्ता क्लाइव लॉयड ने हालांकि बाद में इससे इंकार किया कि कैरेबियाई टीम द्वारा भारत दौरा बीच में छोड़ने में अहम भूमिका निभाने के कारण ब्रावो और पोलार्ड को शामिल नहीं किया गया। ब्रावो उस तमाम विवाद के दौरान टीम के कप्तान थे।

बहरहाल, आशंका जताई जा रही कि दोनों के बाहर होने से भी टीम पर खराब असर पड़ा है। दोनों सीनियर खिलाड़ी है और कई मौकों पर मैच जीताने में सफल रहे हैं।

ब्रावो को हटाकर 23 वर्षीय युवा गेंदबाज जेसन होल्डर को आश्चर्यजनक रूप से टीम की कप्तानी सौंपी गई और इस कदम ने भी कई आलोचनाएं बटोरी। होल्डर के पास केवल 26 मैचों का अनुभव है।

टीम के पास हालांकि क्रिस गेल जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं जो किसी भी मैच को पलटने का माद्दा रखते हैं।

विश्व कप में कैरेबियाई टीम के प्रदर्शन की बात करें तो वेस्टइंडीज 1975 और 1979 में चैम्पियन बनने में कामयाब रहा था। इसके बाद 1983 के फाइनल में उसे भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

वेस्टइंडीज टीम 1983 के बाद 1996 में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन कर पाई। इस संस्करण में टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही लेकिन उसे वहां आस्ट्रेलिया के हाथों हार कर बाहर होना पड़ा। पिछले विश्व कप में भी टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही जहां उसे पाकिस्तान ने हराया।

वेस्टइंडीज ने 2007 में विश्व कप की मेजबानी की लेकिन वहां भी वह अंतिम आठ से आगे नहीं बढ़ सका।

टीम में कई कम अनुभवी खिलाड़ी हैं। खासकर गेंदबाजी में टीम के पास कोई मैच जीताने वाला खिलाड़ी नजर नहीं आता। दिग्गज स्पिन गेंदबाज सुनील नरेन ने भी आखिरी समय में टीम से नाम वापस ले लिया। ऐसे में गेल, मार्लन सैमुअल्स, ड्वायन स्मिथ जैसे कुछ बल्लेबाज जरूर है जो टीम की नैया पार लगा सकते हैं लेकिन वह कितना सफल होंगे, इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल है।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

Published

on

Loading

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

Continue Reading

Trending