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वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा है साइबर क्राइम: पीएम मोदी

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस विरोधी ताकतों के लिए खेल का मैदान न बने। Image result for वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा है साइबर क्राइम: पीएम मोदीग्लोबल कांफ्रेंस ऑन साइबर स्पेस (जीसीसीएस) के 5वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में मोदी ने कहा, “साइबर हमले वैश्विक समुदाय के लिए बड़ा खतरा हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि समाज का कमजोर तबका इसका शिकार नहीं बने।”

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उन्होंने कहा कि इसमें साइबर हमलों को रोकने में निपुण योद्धाओं पर ध्यान देने की जरूरत है, जो साइबर हमले करने वाले शरारती तत्वों के प्रति सर्तक रहें।Image result for वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा है साइबर क्राइम: पीएम मोदीदो दिवसीय जीसीसीएस कांफ्रेस का विषय ‘साइबर4ऑल : स्तत विकास के लिए सुरक्षित व समावेशी साइबर स्पेस’ है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने भारतीयों के जीवन को आसान बनाया है। मोदी ने कहा, “भारत सरकार का लक्ष्य डिजिटल पहुंच बढ़ाने के जरिए सशक्तिकरण करना है।”

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उन्होंने कहा, “हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए मोबाइल पॉवर या एम-पॉवर में विश्वास रखते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जनधन योजना के जरिए वित्तीय समावेशन, आधार के जरिए विशिष्ट पहचान व मोबाइल फोन्स ने भ्रष्टाचार को कम करने व देश में पारदर्शिता लाने में सहायता की है।
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भारत की आईटी प्रतिभा के बारे में मोदी ने कहा, “भारतीय आईटी प्रतिभा को पूरी दुनिया ने मान्यता दी है। भारतीय आईटी कंपनियां ने अपना नाम बनाया है। महिलाएं आईटी कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और आईटी सेक्टर ने लैंगिक सशक्तिकरण में योगदान दिया है।”
उन्होंने कहा कि तकनीक बाधाओं को तोड़ देती है।

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जीसीसीएस की शुरुआत 2011 में लंदन में हुई। दूसरी बार इसका आयोजन 2012 में बुडापेस्ट में किया गया। इसमें इंटरनेट अधिकार व इंटरनेट सुरक्षा के संबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया। तीसरी बार इस सम्मेलन का आयोजन सियोल में 2013 में हुआ। इसके चौथे संस्करण का आयोजन 2015 में हेग में किया गया, जिसमें 97 देशों ने भाग लिया।
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श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस समारोह में भाग लिया।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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