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प्रादेशिक

व्यापमं घोटाला : ग्वालियर पुलिस की एसआईटी तलब

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vyapam

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भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को ग्वालियर पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) को तलब किया है। ग्वालियर-चंबल वही इलाका है, जहां व्यापमं कांड से संबंधित सबसे ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी है और सीबीआई ने सोमवार को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार, मामले की अबतक जांच कर रहे एसटीएफ के साथ सीबीआई की दो दौर की बैठक हो चुकी है, और एसटीएफ ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर में पुलिस का विशेष जांच दल व्यापमं से जुड़े मामलों में कार्रवाई करता रहा है। यही वह इलाका है, जहां सबसे ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इसीलिए यहां के अधिकारियों को तलब किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसआईटी के प्रभारी वीरेंद्र जैन अपने सहयोगियों के साथ भोपाल के लिए रवाना हो चुके हैं। दोपहर बाद वे भोपाल पहुंच सकते हैं। कथित तौर पर व्यापमं घोटाले से जुड़े कुल 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने जो ब्योरा जारी किया था, उसके मुताबिक ग्वालियर-चंबल संभाग से 21 मौतें हैं। उनमें ग्वालियर व मुरैना के नौ-नौ, भिंड के दो और शिवपुरी से एक मौत।

सीबीआई के सामने भी यही बात आई है। लिहाजा सीबीआई ने अपनी जांच की शुरुआत ग्वालियर से करने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो कि जुलाई 2013 में व्यापमं घोटाले के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। बाद में उच्च न्यायालय एसटीएफ की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी गठित की। उल्लेखनीय है कि इस घोटाले में बड़ी संख्या में छात्र, अभिभावक, दलाल, गिरोह चलाने वाले, स्कोरर गिरफ्तार किए गए हैं।

कांग्रेस लगातार इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती रही थी। काफी ना-नुकुर के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को सीबीआई जांच का खत लिखा था। उच्च न्यायालय ने मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण मामले पर सुनवाई से इंकार कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अंतत: नौ जुलाई को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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