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प्रादेशिक

व्यापमं घोटाला : संदिग्धों की मौत को लेकर भाजपा निशाने पर

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भोपाल,मध्य प्रदेश, व्यावसायिक परीक्षा मंडल,भारतीय जनता पार्टी,न्यायाधीश चंद्रेश भूषण,मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

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भोपाल | मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के 32 संदिग्धों की मौत का खुलासा होने के बाद राजनीतिक दल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाना बना रहे हैं। राजनीतिक दलों ने इन मौतों को दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू के गवाहों की मौतों की ही तरह ही किसी साजिश का हिस्सा कहा है। मालूम हो कि व्यापमं घोटाले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) की देखरेख में विशेष कार्रवाई बल (एसटीएफ ) कर रही है। एसआईटी के प्रमुख सेवानिवृत्त न्यायाधीश चंद्रेश भूषण ने गुरुवार को यह स्वीकार किया था कि व्यापमं घोटाले के 32 से ज्यादा संदिग्धों की मौत हो चुकी है और इससे जांच प्रभावित हो रही है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य और राज्य इकाई के सचिव बादल सरोज ने शुक्रवार को जारी किए गए एक बयान में कहा कि व्यापमं घोटाले के सदिग्धों की मौत एक असामान्य और चिंताजनक बात है। वहीं, यह आशंका भी निराधार नहीं है कि यह मामला आसाराम के गवाहों की मौतों के मामले के दोहराए जाने जैसा है। उन्होंने इस मामले से जुड़े घोटालों को उजागर करने वाले व्यक्तियों तथा महत्वपूर्ण गवाहों को उच्चतम सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है कि इस बड़े घोटाले के दो सबसे बड़े मुजरिम सरकारी आवासों में बैठे हुए हैं, जबकि दाखिला पाने वाले किशोर और किशोरियां कैदखाने में हैं। उन्होंने गिरफ्तार विद्यार्थियों को रिहा किए जाने की भी मांग की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने इस मामले पर कहा, “इस महाघोटाले में कई नामचीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी कई सफेदपोश अब भी गिरफ्त से बाहर हैं। लिहाजा, उन्हें बचाने के लिए साक्ष्य नष्ट करने और दस्तावेजों से छेड़छाड़ के बाद अब आशंका है कि जेल में बंद कुछ प्रमुख आरोपियों की भी हत्या हो सकती है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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