अन्तर्राष्ट्रीय
शरीफ की जगह कौन?
इस्लामाबाद, 28 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफा देने के बाद अब बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ है कि आखिर उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद शरीफ के इस्तीफा देने पर राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जाने लगी है कि अगला आम चुनाव होने तक कौन प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज होगा।
शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रपति ममनून हुसैन को देश के मामलों का प्रभार अपने हाथों में लेने के लिए कहा है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का प्रमुख होने के नाते शरीफ अभी भी उत्तराधिकारी को नामित करने का अधिकार रखते हैं।
रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ उनके (शरीफ) सबसे विश्वसनीय लोगों में से एक हैं और अटकलों के अनुसार, उनके (आसिफ) उत्तराधिकारी बनने की संभावना सबसे ज्यादा है। पूर्व बैंकर 1991 से पीएमएल-एन में कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हो चुके हैं।
शक्तिशाली सेना के कट्टर आलोचक रहे आसिफ 1993 से अपने गृह जनपद सियालकोट से नेशनल एसेंबली में निर्वाचित होते रहे हैं। सेना के खिलाफ उनके कठोर रवैये ने नवाज शरीफ के लिए समस्या पैदा कर दी थी।
रपटों के मुताबिक, पीएमएल-एन ने शरीफ के छोटे भाई व पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को पद पर निर्वाचित करने से पहले कुछ हफ्तों के लिए एक अंतरिम प्रधानमंत्री लाने की योजना बनाई है।
प्रधानमंत्री बनने के लिए शरीफ के भाई को अपने वर्तमान पद को छोड़ना होगा और नेशनल एसेंबली के लिए निर्वाचित होना होगा। शहबाज हालांकि बहुत बुद्धिमान माने जाते हैं, लेकिन वे अपने बड़े भाई के मुकाबले कम करिश्माई व्यक्तित्व वाले शख्स माने जाते हैं।
नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक भी इस शीर्ष पद के मजबूत दावेदार हैं। वह शरीफ परिवार के करीबी माने जाते हैं। साल 2013 के आम चुनाव में शरीफ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी इमरान खान को लाहौर सीट से हराकर सादिक ने उनका भरोसा जीत लिया था।
संभावित उत्तराधिकारी की कतार में योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल का भी नाम है। वह ऐसे राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो लंबे समय तक शरीफ की पार्टी से जुड़ा रहा है।
पूर्व में शिक्षा और अल्पसंख्यक मंत्री रह चुके अहसान, शरीफ के दूसरे कार्यकाल के दौरान 1998-1999 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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