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शहाबुद्दीन ने सिवान से तिहाड़ भेजने की याचिका का विरोध किया

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shahbuddinनई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और हत्या सहित कई दर्जन मामलों में नामजद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बुधवार को खुद को सिवान के जिला जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में भेजने और अपने खिलाफ चल रहे 45 मुकदमों की सुनवाई के स्थानांतरित करने के लिए दायर याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया।

याचिका का विरोध करते हुए शहाबुद्दीन ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्र ओर अमिताव राय की पीठ से कहा सिवान जेल से तिहाड़ में इस तरह का स्थानांतरण अनुचित और अन्यायपूर्ण है। ऐसा इसलिए कि यह कैदियों के स्थानांतरण कानून 1950 के खिलाफ है।

वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफाडे ने पीठ से कहा कि वह कानून के विरुद्ध सर्वो‘च आदेश जारी नहीं कर सकती। यह याचिका जिस परम आदेश के लिए दायर हुई है वह कानून के विरुद्ध है। जो अवैध है वह परम आदेश नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कैदियों के स्थानांतरण कानून 1950 के खिलाफ कोई भी कानून पारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कैदी पूरी तरह से रा’य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

पीठ ने कहा कि याचिका में शहाबुद्दीन को सिवान जेल से तिहाड़ जेल स्थानांतरित करने के लिए शीर्ष अदालत को अनु‘छेद 142 के तहत मिले अधिकार का उपयोग करते हुए स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इस पर नफाडे ने कहा, आप संविधान के तहत मिले अनु‘छेद 142 के अधिकारों का इस्तेमाल नहीं कर सकते जो मेरे बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन कर सकते हैं।

संविधान का अनु‘छेद 142 कहता है कि सर्वो‘च न्यायालय अपने क्षेत्राधिकार में अपने समक्ष लंबित किसी वजह या मामले में पूर्ण न्याय दिलाने के लिए इस तरह की व्यवस्था या आदेश जारी कर सकता है और दी गई कोई भी व्यवस्था या जारी किया गया आदेश पूरे भारत के भूभाग पर लागू होगा।

चंद्रकेश्वर प्रसाद और आशा रंजन की याचिका की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत को यह बताया गया। आशा रंजन शहाबुद्दीन के कथित आदेश पर हत्या के शिकार हुए राजदेव रंजन की विधवा हैं। दोनों शहाबुद्दीन को सिवान जेली से तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कराना और उसके मुकदमों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराना चाहते हैं।

चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या शहाबुद्दीन के कथित अनुयायियों ने कर दी थी। नाफाडे की दलील गुरुवार को भी जारी रहेगी।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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