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मुस्लिमों के लिए शिक्षण संस्थान चाहते हैं मोदी : नकवी

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हैदराबाद| अल्पसंख्यक कल्याण मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अल्पसंख्यक बहुल, खास तौर से मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में शिक्षण संस्थान तैयार करें। साथ ही उन्हें तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करने पर भी काम करें। उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों से योजना बनाने के लिए कहा था।

मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू)के 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि सरकार सुविधाओं के अभाव वाले अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की पहचान करेगी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) और पॉलिटेक्निक की स्थापना के लिए भूमि आवंटित करेगी।

एमएएनयूयू जैसे और भी संस्थानों की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि उर्दू विश्वविद्यालय केंद्र सरकार के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण के मिशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कौशल विकास योजना के साथ-साथ सरकार, कंपनियों और सरकारी विभागों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) में भी प्रवेश कर रही है, ताकि रोजगार उपलब्ध करा सके।

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। इसके कई कारण हैं। हमने इसकी बहुत चर्चा कर ली पर अब समय आ गया है कि बेरोजगारी मिटाने के लिए कुछ किया जाए।”

अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग जो शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा पर जोर देना चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि वे लोग जो मदरसा चला रहे हैं उन्हें बच्चों को दीनियत और अन्य धार्मिक शिक्षा देनी चाहिए लेकिन मुख्यधारा की शिक्षा देने के लिए उन्हें उर्दू के स्कूल भी खोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के स्कूलों में न केवल उर्दू की शिक्षा दी जाए बल्कि अंग्रेजी और अन्य भाषाएं भी भी पढ़ाई जाएं।

नकवी के इस दौरे से मोदी के हाई प्रोफाइल मुस्लिम सहयोगी जफर सारेशवाला की एमएएनयूयू विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर नियुक्ति को लेकर चचाएं भी जोरों पर शुरू हो गई हैं।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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