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शिवराज पहुंचे दशहरा मैदान, उपवास शुरू

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भोपाल, 10 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (शनिवार) से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करने के लिए भेल के दशहरा मैदान में पहुंच गए है। वे यहीं से सरकार भी चलाएंगे।

ज्ञात हो कि राज्य के किसान एक जून से कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन का आज अंतिम दिन है। बीते नौ दिनों के दौरान मालवा निमाड़ क्षेत्र में हिंसा और आगजनी हुई। मंदसौर में तो पुलिस की गोली और पिटाई से छह किसानों की मौत हो चुकी है और वहां कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस आंदोलन की आग शुक्रवार को भोपाल तक पहुंच गई।

मुख्यमंत्री चौहान ने खुले तौर पर किसान और आमजनों से चर्चा के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। वह दशहरा मैदान पहुंच चुके हैं और उन्होंने वहां मौजूद अपनी केबिनेट और संगठन के नेताओं से चर्चा की। यहां मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोषी ने चौहान का तिलक करके उन्हें शुभकामनाएं दीं।

उपवास के दौरान राज्य सरकार भी बल्लभ भवन से नहीं दशहरा मैदान से चलेगी। इस बात का चौहान ने शुक्रवार को ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की उपवास की घोषणा के बाद ही दशहरा मैदान में तैयारियों का दौर शुरू हो गया था । दशहरा मैदान में मंच बनाया गया है और अस्थाई मुख्यमंत्री निवास व सभाकक्ष का निर्माण किया गया है। साथ ही भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, चौहान को सुबह 11 बजे भेल दशहरा मैदान पहुंचना था मगर वे कुछ देरी से वहां पहुंचे। उनके साथ प्रमुख सचिव, सचिव भी हैं। उनका यहां किसानों से चर्चा, स्कूल चलें हम और मिल बांचें कार्यक्रम की समीक्षा, खरीफ फसल की तैयारी की समीक्षा, हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा और किसानों से चर्चा करेंगे।

वहीं विपक्ष ने मुख्यमंत्री के उपवास और दशहरा मैदान से सरकार चलाने के फैसले को महज नौटंकी करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि चौहान को नौटंकी करने की बजाय किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि खुद को संवेदनशील मुख्यमंत्री बताने वाले चौहान छह किसानों की मौत के बाद न तो मंदसौर गए और यहां तक कि उन्होंने बालाघाट में एक पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में 25 लोगों की मौत के बाद वहां जाना भी मुनासिब नहीं समझा। वे सिर्फ नौटंकी और मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते रहे है, उपवास भी उसी का हिस्सा है।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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