Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

शिवसेना ने दिया भड़काऊ बयान, मुसलमानों को पाक जाने की नसीहत

Published

on

uddhav-thackeray-Saamna-article

Loading

मुंबई। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि भारत में रहने वाले मुसलमान यदि विशेष सुविधाएं चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, “यदि वे (मुसलमान) इस देश से कुछ चाहते हैं, तो पहले भारत को अपनी मातृभूमि स्वीकार करें और ‘वंदे मातरम’ बोलें।” बताया जा रहा है कि ‘सामना’ में प्रकाशित लेख एक मार्च को ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के नागपुर में दिए गए भाषण की प्रतिक्रिया स्वरूप आया है, जहां उन्होंने महाराष्ट्र में मराठियों की तरह ही मुसलमानों को भी आरक्षण देने की मांग की थी।

शिवसेना ने ओवैसी की बात पर रोष जताते हुए और अपना रुख दोहराते हुए कहा कि आरक्षण की नीति सामाजिक मानदंडों पर आधारित होनी चाहिए, न कि धर्म के तर्ज पर। शिवसेना ने कहा कि गरीब मुसलमानों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसलिए नहीं कि वे मुसलमान हैं, बल्कि इसलिए कि वे भारत का नागरिक है। पार्टी ने सभी लोगों से, खासकर हिन्दुओं और मुसलमानों से यह विचारधारा को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि इससे ही वोट बैंक एवं आरक्षण की राजनीतिक खत्म हो सकती है और देश की प्रगति में मदद मिल सकती है।

शिवसेना ने कहा कि ओवैसी कह रहे हैं कि चूंकि मराठी लोगों को आरक्षण मिला है, तो मुसलमानों को भी मिलना चाहिए। यह कट्टर मुसलमानों का वही हिंदू विरोधी जिद्दी रवैया है, जिसकी वजह से भारत का विभाजन हुआ था और उन्होंने पाकिस्तान बनाया था। लेकिन अब और नहीं। ‘सामना’ में प्रकाशित लेख में कहा गया कि मुसलमानों को समान नागरिक संहिता स्वीकार करनी होगी, परिवार नियोजन अपनाना होगा और जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की मांग छोड़नी होगी।

ओवैसी के भाषण को ‘राष्ट्र-विरोधी’ करार देते हुए शिवसेना ने इसकी जांच कराए जाने की मांग की कि कहीं उन्होंने महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए तो इस तरह का बयान नहीं दिया। पार्टी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से इस पर मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग की।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending