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बिजनेस

शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 102 अंक

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मुंबई। देश के प्रमुख शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 102.15 अंकों की गिरावट के साथ 27,459.23 पर और निफ्टी 24.00 अंकों की गिरावट के साथ 8,337.00 पर बंद हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 68.83 अंकों की तेजी के साथ 27,630.21 पर खुला और 102.15 अंकों या 0.37 फीसदी गिरावट के साथ 27,459.23 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 27,676.65 के ऊपरी और 27,416.39 के निचले स्तर को छुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी रही। भेल (2.24 फीसदी), एनटीपीसी (2.05 फीसदी), हिंडाल्को (1.10 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.10 फीसदी) और एक्सिस बैंक (0.94 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे डॉ. रेड्डीज लैब (2.85 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.84 फीसदी), एचडीएफसी (2.30 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.11 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.90 फीसदी)।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 10.10 अंकों की तेजी के साथ 8,371.10 पर खुला और 24.00 अंकों या 0.29 फीसदी गिरावट के साथ 8,337.00 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,397.40 के ऊपरी और 8,321.75 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 20.02 अंकों की गिरावट के साथ 10,974.00 पर और स्मॉलकैप 20.18 अंकों की गिरावट के साथ 11,522.93 पर बंद हुआ। बीएसई के 12 में से तीन सेक्टरों -पूंजीगत वस्तु (0.52 फीसदी), बैंकिंग (0.43 फीसदी) और बिजली (0.43 फीसदी)- में तेजी रही।

बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (2.72 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (0.87 फीसदी), धातु (0.73 फीसदी), वाहन (0.69 फीसदी) और तेल एवं गैस (0.45 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,351 शेयरों में तेजी और 1,396 में गिरावट रही, जबकि 131 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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