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बिजनेस

शेयर बाजारों में दर कटौती के बाद तेजी

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मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मुख्य नीतिगत दरों में की गई उम्मीद से अधिक कटौती के बाद देश के शेयर बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी दर्ज की गई, जो सुबह गिरावट के साथ खुले थे। आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा से कुछ समय पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी एक फीसदी से अधिक गिरावट के साथ कारोबार करते देखा गया था। आरबीआई द्वारा 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा के साथ ही बाजार में तेजी आ गई।

इसके बाद बाजार में हल्की गिरावट आई और वापस इसमें तेजी आ गई। अपराह्न् करीब 2.50 बजे सेंसेक्स को 335.07 अंकों या 1.31 फीसदी तेजी के साथ 25,951.91 पर कारोबार करते देखा गया। लगभग इसी समय निफ्टी को 107.35 अंकों या 1.38 फीसदी तेजी के साथ 7,903.05 पर कारोबार करते देखा गया। जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल सर्विसिस के तकनीकी रिसर्च डेस्क सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने आईएएनएस से कहा, “कटौती का सर्वत्र स्वागत हुआ है। बाजार के मुताबिक यह कटौती बिल्कुल सही समय पर की गई है।” बीएसई के रियल्टी, वाहन, बैंकिंग और पूंजीगत वस्तु जैसे सेक्टरों में दोपहर के कारोबार में तेजी देखी गई, जबकि धातु, स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु सेक्टरों में गिरावट देखी गई।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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