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बिजनेस

शेयर बाजार: तिमाही परिणामों, आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी नजर

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मुंबई| शेयर बाजार के निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के लिए जारी किए जाने वाले कंपनियों के परिणामों तथा थोक और उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़ों पर टिकी रहेगी। आगामी सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।

तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2014 के लिए कंपनियों के परिणाम आने शुरू हो गए हैं। परिणाम जारी करने का दौर फरवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। निवेशक इन परिणामों के साथ मिलने वाली कंपनी की भावी रणनीति और आय की संभावना पर विशेष ध्यान रखेंगे, जो उन्हें भावी निवेश की दिशा अपनाने में मदद करेंगे।

मंगलवार को इंडसइंड बैंक और डीसीबी बैंक, बुधवार को नेटवर्क18, टीवी18 ब्रॉडकास्ट और यस बैंक, गुरुवार को फेडरल बैंक और टीसीएस, शुक्रवार को एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और विप्रो अपने परिणामों की घोषणा करेंगी। सोमवार 12 जनवरी को सरकार नवंबर 2014 के लिए औद्योगिक उत्पादन संबंधी आंकड़े जारी करेगी। अक्टूबर 2015 में औद्योगिक उत्पादन में 4.2 फीसदी गिरावट रही थी।

सरकार सोमवार 12 जनवरी को ही दिसंबर महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े भी जारी करेगी। बुधवार 14 जनवरी को सरकार दिसंबर महीने के लिए थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। नवंबर में हीने में थोक महंगाई दर शून्य फीसदी रही थी।

निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है और यह 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल रहा है, जो कुछ ही महीने पहले 115 डॉलर प्रति बैरल था। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है।

आगामी सप्ताह सरकारी तेल विपणन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि ये कंपनियां 16 दिसंबर को ईंधन मूल्य में संशोधन करने का फैसला कर सकती हैं। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के शुरू और मध्य में पिछले दो सप्ताह में आयातित तेल मूल्य के आधार पर ईंधन मूल्यों की समीक्षा करती हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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