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बिजनेस

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के आसार

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मुंबई| वायदा और विकल्प (एफएंडओ) सौदे की परिपक्वता के कारण अगले सप्ताह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। नवंबर महीने का सौदा बुधवार को परिपक्व होगा, क्योंकि गुरुवार को बाजार क्रिसमस के मौके पर बंद रहेगा। अगले हफ्ते निवेशकों की निगाह मुख्य रूप से संसद के शीतकालीन सत्र के शेष दो सत्र की गतिविधियों, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल मूल्य पर बनी रहेगी।

संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से जारी है। इसका समापन 23 दिसंबर को होना तय है। चालू सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों के पारित होने की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ दो सत्रों के बचे रहने के कारण अब उनके पारित होने की संभावना मामूली रह गई है।

चालू सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक के पारित होने की उम्मीद थी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किए जाने को लेकर भी उम्मीद की जा रही थी। सरकार ने हालांकि शुक्रवार को इसे लोकसभा में पेश कर दिया है। निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है।

कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है। रुपये के अवमूल्यन से हालांकि तेल मूल्य गिरावट का फायदा सीमित रह सकता है। निवेशकों की निगाह अगले सप्ताह विमानन कंपनी स्पाइसजेट से संबंधित घटनाक्रमों पर भी टिकी रहेगी। कंपनी की उड़ानें पिछले दिनों तेल कंपनियों द्वारा साख आधार पर तेल देने से इंकार करने के कारण अवरुद्ध हो गई थी। कंपनी नकदी संकट से जूझ रही है।

शुक्रवार को हालांकि कंपनी के पुराने प्रमोटर द्वारा कंपनी में पूंजी निवेश के लिए आगे आने संबंधी खबर के बाद कंपनी के शेयर करीब 20 फीसदी उछाल के साथ ऊपरी सर्किट सीमा पर जा लगे थे। कंपनी पर इसलिए भी खास तौर से निवेशकों की निगाह रहेगी, क्योंकि नकदी संकट के एक अन्य उदाहरण ने विमानन कंपनी किंगफिशर को कुछ साल पहले कारोबार समेटने के लिए मजबूर कर दिया था, जिसके बाद किंगफिशर के शेयर इन दिनों धूल फांक रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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