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नेशनल

संसद से लेकर सड़क तक गूंजा गजेंद्र की आत्महत्या का मामला

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gajendra singh

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर गुरुवार को संसद से सड़क तक गूंज रही। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जिससे बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा जबकि राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग जोरशोर से उठाई गई। वहीं किसान की खुदकुशी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन किया जबकि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे।

रैली में किसान की खुदकुशी की घटना को लेकर लोकसभा में विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की। शोरशराबे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने प्रश्नकाल को स्थगित करने और तत्काल चर्चा कराए जाने के लिए प्रस्ताव पेश किया। सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण किसान ने सार्वजनिक स्थान पर खुदकुशी कर ली और प्रधानमंत्री से बयान जारी करने की मांग की। हालांकि, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल के स्थगन को मंजूरी नहीं दी और कहा कि वह शून्यकाल के दौरान चर्चा की मंजूरी देंगी।

संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी बयान देंगे। हालांकि, विपक्ष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी और सरकार से तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की। इधर, महाजन ने कहा, ” किसी ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की और आज आप इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।” इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में इस मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्महत्या मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है। गृहमंत्री के मुताबिक दिल्ली पुलिस को इस मामले में समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देने को कहा गया है।
इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। विपक्ष के नेताओं ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की। शून्यकाल की समाप्ति के बाद सदन में हंगामा होने लगा और विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के नजदीक जमा हो गए। विपक्षी सदस्यों ने मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की।

दूसरी ओर कांग्रेस के करीब 100 कार्यकर्ता गुरुवार को केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास के करीब जमा हुए और नारेबाजी की तथा बैनर लहराया। बैनर पर लिखा था-आप किसान गजेंद्र की मौत का जिम्मेदार है। कार्यकर्ताओं ने कहा, “उन्होंने किसान की खुदकुशी के बावजूद अपना भाषण जारी रखा।” दिल्ली पुलिस के उपायुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि वहां करीब 100 प्रदर्शनकारी थे। उन्होंने कहा, “वे यह दावा कर रहे थे कि यह एक षडयंत्र है और कहा कि आप नेता ने अपना भाषण जारी रखा,जबकि उधर किसान मर रहा था।”

इधर, भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें आईटीओ चौराहे के पास स्थित मुख्यालय की इमारत से हटाने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल करना पड़ा।

गौरतलब है कि फसल की बर्बादी से परेशान राजस्थान के किसान गजेंद्र अपनी बात सुनवाने के लिए केजरीवाल की किसान रैली में शामिल हुआ था, लेकिन जब किसी ने उसकी अपील नहीं सुनी, उसने रैली के दौरान पेड़ से फंदा लगा कर जान दे दी। इस घटना के बाद भी रैली चलती रही। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है।

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उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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