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उत्तराखंड

समस्याओं का समाधान न होने पर विस चुनाव के बहिष्कार की धमकी

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विस चुनाव के बहिष्कार की धमकी, राजस्व ग्राम का दर्जा, टिहरी बांध प्रभावित पशुलोक क्षेत्र के लोग

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विस चुनाव के बहिष्कार की धमकी, राजस्व ग्राम का दर्जा, टिहरी बांध प्रभावित पशुलोक क्षेत्र के लोग

Rishikesh agitation

ऋषिकेश। राजस्व ग्राम का दर्जा और भूमिधरी का अधिकार देने की मांग को लेकर पिछले 16 दिनों से आंदोलनरत टिहरी बांध विस्थापितों ने मंगलवार को जुलूस-प्रदर्शन कर तहसील का घेराव किया। मांगों को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। शीघ्र ही समस्या का समाधान न होने पर विस्थापितों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया। प्रभावितों ने शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाया।

टिहरी बांध प्रभावित पशुलोक क्षेत्र के लोग पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नटराज चैक पर एकत्रित हुए। वहां से जुलूस-प्रदर्शन करते हुए वे तहसील पहुंचे। तहसील में उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि देश और प्रदेश के विकास के लिए उन्होंने अपने पुरखों के बसाए गए गांवों और जन्म भूमि का त्याग टिहरी बांध निर्माण के लिए किया है। वर्ष 2000 में प्रभावित परिवारों को पशुलोक ऋषिकेश में विस्थापित किया गया है।

लेकिन, इस क्षेत्र के गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिया गया है। राजस्व ग्राम का दर्जा न मिलने पर उन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार की समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे पंचायत चुनाव में मतदान नहीं कर पाते हैं। भूमिधरी का अधिकार न मिलने पर कोई भी बैंक उन्हें मकान बनाने, व्यापार करने और बच्चों की पढ़ाई करवाने के लिए ऋण की सुविधा नहीं देता है। उक्त मांगों को लेकर पूर्व में भी कई बार आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन, शासन-प्रशासन की ओर से उन्हें कोरे आश्वासन ही मिलते रहे हैं। मांगों पर कार्रवाई न होने की स्थिति में उन्हें 25 जुलाई से फिर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है।

बाद में उन्होंने तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सिंचाई मंत्री और राजस्व मंत्री को मांग के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि जब तक राजस्व ग्राम का दर्जा और भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे। जुलूस-प्रदर्शन में संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरी सिंह भंडारी, जगदंबा रतूड़ी, मनोज मैठाणी, प्रताप सिंह राणा, संजय थपलियाल, अरूणकांत, सूरत सिंह राणा, प्रवीन थपलियाल व जगदंबा सेमवाल आदि शामिल थे।

 

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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