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समाजवादी पार्टी का मुस्लिम हितैषी होने का दावा झूठाः कांग्रेस

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समाजवादी पार्टी, मुस्लिम हितैषी होने का दावा झूठा, कांग्रेस, विधान परिषद सदस्य आशु मलिक, कबीना मंत्री आजम खां

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समाजवादी पार्टी, मुस्लिम हितैषी होने का दावा झूठा, कांग्रेस, विधान परिषद सदस्य आशु मलिक, कबीना मंत्री आजम खां

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता एवं विधान परिषद सदस्य आशु मलिक द्वारा वरिष्ठ कबीना मंत्री आजम खां को मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिये जाने से प्रदेश की समाजवादी पार्टी के मुस्लिम हितैषी होने के तथाकथित दावों की हकीकत स्वयं खुलकर जनता के सामने आ गयी है।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन मारूफ खान ने आज जारी एक बयान में कहा कि कल हज हाउस के मौके पर जिस प्रकार समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं के बीच खींचतान और आपसी अन्तर्कलह खुलकर सामने आयी है उससे यह साफ जाहिर है कि समाजवादी पार्टी के नेता केवल एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हुए हैं उन्हें अल्पसंख्यक हितों एवं प्रदेश के विकास की कोई परवाह नहीं है।

खान ने कहा कि कल जिस प्रकार आजम खान और आशु मलिक के बीच अर्न्तद्वन्द सार्वजनिक हुआ और विगत दिनों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनके चाचा वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बीच जो शीत युद्ध की स्थिति चल रही है और पूरे प्रदेश में सार्वजनिक रूप से इसका खुलासा भी हो चुका है उससे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी अपने अन्दरूनी अन्तर्कलह में इस कदर डूब चुकी है कि वह खुद अपनी विरोधी बन चुकी है और डूबने की कगार पर है क्योंकि स्वयं आजम खां द्वारा समाजवादी पार्टी को डूबता जहाज कहना, इसकी पुष्टि करता है।

खान ने कहा कि कल हज हाउस के उद्घाटन के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा तमाम प्रकार की लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा की गयीं किन्तु मुजफ्फरनगर में भीषण दंगों के तीन वर्ष पूरे होने पर मुजफ्फरनगर दंगों के विस्थापितों, दंगों के पीड़ित परिवारेां के पुर्नवास के लिए किसी भी प्रकार की घोषणा न किया जाना एवं दंगे में शामिल एक भी दोषी को अभी तक जेल न भेजा जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और यह समाजवादी पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी के आपसी गठजोड़ को उजागर करता है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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