नेशनल
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र का 845 पन्नों का हलफनामा लेने से इनकार किया
नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को पूरे देश भर में ठोस कचरा प्रबंधन के संबंध में बिना संपूर्ण जानकारी के भारी-भरकम हलफनामा दाखिल करने के लिए फटकार लगाई और इसे स्वीकार नहीं किया।
न्यायालय ने कहा कि सरकार न्यायालय के समक्ष ‘कूड़ा नहीं फेंक’ सकती। न्यायमूर्ति मदन बी. लाकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कहा, आप क्या करना चाहते हैं? आप हमें प्रभावित करना चाहते हैं। हम पर असर नहीं पड़ा है। आप हम पर सब कुछ थोप देना चाहते हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।
अदालत ने कहा कि अदालत ‘कूड़ा संग्रहक’ नहीं है और बिना जानकारी के सैकड़ों पन्नों के शपथ पत्र को ग्रहण नहीं करेगी।
अदालत ने कहा, आपके पास जो भी कूड़ा होता है, वो हमारे समक्ष पेश कर देते हैं। हम कूड़ा संग्रहक नहीं हैं। इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट रहें।
अदालत ने केंद्र सरकार को यह सख्त टिप्पणी स्वत: संज्ञान लेने वाले एक मामले में की जिसमें दक्षिण दिल्ली में रहने वाले एक सात वर्षीय बच्चे की डेंगू से मौत हो गई थी। पांच अस्पतालों ने कथित रूप से बच्चे का इलाज कराने से मना कर दिया था और बच्चे की मौत के बाद उसके माता-पिता ने भी आत्महत्या कर ली थी।
मामले की सुनवाई करते हुए, अदालत ने मंगलवार को केंद्र को तीन सप्ताह के अंदर चार्ट दाखिल करने के निर्देश दिए जिसमें इस बारे में बताना है कि राज्यों और केंद्रशासित राज्यों ने ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार क्या राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड का गठन किया है।
सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार ने कहा कि उसे 22 राज्यों से राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड के गठन की जानकारी मिल चुकी है।
इससे पहले 12 दिसंबर 2017 को अदालत ने केंद्र सरकार ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड का गठन करने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को पत्र लिखने के लिए कहा था और शीर्ष अदालत के समक्ष इसकी जानकारी दाखिल करने को कहा था।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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