मुख्य समाचार
साढ़े पांच महीने में ही वाराणसी-काठमांडू मैत्री बस सेवा ने दम तोड़ा
लखनऊ। भारत-नेपाल के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर शुरू की गई बस सेवा राज्य सड़क परिवहन निगम की लापरवाही के कारण साढ़े पांच महीने में ही बंद हो गई। मैत्री बस इतने दिनों तक बिना अनुबंध के ही भारत-नेपाल के बीच दौड़ रही थी। वोल्वो बस चलाने वाली कंपनी कौशिक लॉजिस्टिक ने यह सेवा बंद कर दी है। मैत्री बस सेवा की शुरुआत बीते चार मार्च को वाराणसी में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने हरी झंडी दिखाकर की थी।
शुरुआती दौर में मैत्री बस सेवा में लोड फैक्टर कम रहा, लेकिन बाद में दोनों से बस में यात्रियों का ग्राफ बढ़ता गया और ये बस दोनों देशों की पसंद बन गई थी। इस बीच इस बस के संचालन पर उस समय ब्रेक लगा था, जब अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भीषण भूकंप आया। नेपाल में हालात सामान्य होने के बाद फिर से मैत्री बस का सेवा संचालन बहाल कर दिया गया, लेकिन रोडवेज के जिम्मेदार आधिकारियों ने मैत्री बस सेवा का अनुबंध नहीं किया और न ही डीजल का मानक तय किया।
तत्कालीन अपर प्रबंध निदेशक के. विजयेंद्र पांडियन के पास अनुबंध का मामला गया तो वहां से फाइल वापस कर दी गई। इसके बाद उनका स्थानांतरण हो गया। नए अपर प्रबंध निदेशक की तैनाती न होने से यह कार्यभार मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) सुरेंद्र राम को दी गई। यहां से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद कौशिक लाजॉस्टिक प्रबंध तंत्र ने इस महीने के प्रथम सप्ताह में रोडवेज को पत्र लिखकर कहा कि अनुबंध व डीजल के मानक तय न होने की स्थिति में 20 अगस्त से इस सेवा को बंद कर दिया गया जाएगा। इसके बाद भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा बंद हो गई। कौशिक लॉजिस्टिक के प्रबंधक वहीदुल हसन का कहना है कि अनुरोध के बाद भी अनुबंध व डीजल का मानक नहीं तय किया गया। इसी विवशता के चलते मैत्री सेवा बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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