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बिजनेस

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से बैंकों का विकास होगा : जेटली

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कोलकाता। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के विस्तार से देश के बैंकिंग क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी। जेटली ने यहां बंधन बैंक के उद्घाटन के मौके पर कहा, “सामाजिक सुधार की गतिविधियों के विस्तार के साथ ही धीरे-धीरे बैंकिंग क्षेत्र का भी विस्तार होगा।”

उन्होंने कहा कि मुद्रा एजेंसी काफी हद तक समाज के उस तबके तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने में सफल रही है, जो अब तक अलग-थलग था और केंद्र सरकार बैंकिंग सेवा का दायरा बढ़ाने की लगातार कोशिश करती रहेगी। वित्तमंत्री ने कहा, “सभी सरकारी सब्सिडी- स्कूल, कॉलेज छात्रवृत्ति और एलपीजी सब्सिडी- और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली सभी सब्सिडी धीरे-धीरे बैंकों द्वारा दी जाने लगेगी।”

मंत्री ने साथ ही कहा कि बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के लिए बड़ी कंपनियां मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “छोटे उद्यम एनपीए के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।” एनपीए में छोटे उद्यमों का एक फीसदी से भी कम योगदान है। इन कंपनियों में 99 फीसदी ऐसे हैं, जो कमा कर कर्ज वापस कर देते हैं। जेटली ने कहा कि मोबाइल वॉलेट जैसी प्रौद्योगिकी से भी बैंकिंग उद्योग के विस्तार को मदद मिलेगी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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