बिजनेस
सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को 21 हजार 400 करोड़ की आय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार को केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) में अपनी हिस्सेदारी बेचने से चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में 21,342 करोड़ रुपये की आय हुई है। इससे सरकार ने केंद्रीय बजट में निर्धारित वित्तीय लक्ष्य को 60 फीसदी हासिल कर लिया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया, “सीपीएसई के विनिवेश से ननंबर 2016 तक कुल 21,432.38 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है, जोकि बजटीय लक्ष्य का 59.53 फीसदी है। बजट में विनिवेश से कुल 36,000 करोड़ रुपये इक_ा करने का लक्ष्य रखा गया है।”
बयान में कहा गया है, “चालू वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार ने विनिवेश से अब तक 23,528.73 करोड़ रुपये इक_ा किया है, जिसमें से 21.432 करोड़ रुपये 14 सीपीएसई में अल्पमत हिस्सेदारी बेचने से मिले हैं और 2096.35 करोड़ रुपये रणनीतिक विनिवेश के जरिये जुटाए गए हैं।”
इसके तहत सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी कम कर प्रबंधन नियंत्रण का स्थानांतरण कर दिया है।
बयान में कहा गया है, “वर्तमान वित्त वर्ष में 56,500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 36,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से और 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक निवेश के जरिए जुटाए जाएंगे।”
पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीति आयोग के उस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी थी, जिसमें सार्वजनिक उपक्रमों, जिनमें ऐसे उपक्रम भी शामिल हैं जो लाभ में चल रहे हैं, में हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री की सिफारिश की गई थी।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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