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सिंगापुर के पूर्व पीएम का निधन, मोदी, ओबामा व बान ने जताया शोक
-नेताओं के बीच एक शेर थे कुआन : मोदी
सिंगापुर/नई दिल्ली/वाशिंगटन। सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू नहीं रहे। वह पिछले करीब एक माह से बीमार थे। उन्होंने सोमवार तड़के स्थानीय समयानुसार 3.18 बजे एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने उनके निधन पर शोक जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कुआन के निधन की पुष्टि की गई है। कुआन पांच फरवरी से गंभीर निमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 28 फरवरी को उनकी हालत में ‘थोड़ा सुधार’ हुआ था, लेकिन 17 मार्च को संक्रमण के चलते उनकी तबीयत और बिगड़ गई। पीएमओ ने शनिवार दोपहर एक बयान जारी कर कहा था कि उनकी हालत नाजुक है, लेकिन बाद में यह और ज्यादा बिगड़ गई।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने कुआन को ‘दूरदर्शी राजनेता’ और ‘नेताओं के बीच एक शेर’ करार दिया। उन्होंने कहा कि कुआन का जीवन हर किसी को जरूरी सीख देता है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “उनके निधन की खबर दुखद है।” उन्होंने लिखा, “दुख की इस घड़ी में हमारी प्रार्थनाएं ली कुआन यू के परिवार और सिंगापुर के लोगों के साथ है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।”
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने एक लिखित संदेश में कहा, “सिंगापुर के मार्गदर्शक ली कुआन यू के निधन की सूचना पाकर मुझे गहरा दुख हुआ। मैं और मेरी पत्नी मिशेल ओबामा उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं और दुख की इस घड़ी में सिंगापुर की जनता के साथ हैं।”
सिंगापुर के संस्थापक कुआन ने वर्ष 1959 से 1900 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में और फिर वरिष्ठ मंत्री तथा मंत्रिमंडल के मार्गदर्शक के रूप में सेवा दी। वह 91 साल के थे। ओबामा ने आज की दुनिया में सिंगापुर को सर्वाधिक समृद्ध देशों की कतार में लाने के लिए कुआन के प्रयासों की सराहना की और उन्हें एक समर्पित जनसेवक तथा उत्कृष्ट नेता करार दिया।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए जारी एक बयान में कहा, “ली ने अपने तीन दशक के कार्यकाल में सिंगापुर को विकासशील देश से दुनिया के विकसित देशों की कतार में ला दिया। उन्होंने इसे अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित किया।” उन्होंने लिखा, “इस साल सिंगापुर एक ओर अपनी आजादी की 50वीं सालगिरह मनाएगा, वहीं दूसरी ओर इसके संस्थापक कुआन को एशिया के प्रेरणादायी नेता के रूप में याद करेगा।”
कुआन हाल के महीनों में खराब तबीयत की वजह से सार्वजनिक और अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कार्यक्रमों में शिरकत नहीं कर पा रहे थे। वह आखिरी बार पिछले साल नवंबर में पीपुल्स एक्शन पार्टी की 60वीं सालगिरह के जश्न और नवंबर में ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में ट्री प्लान्टिंग डे में देखे गए थे।
उन्होंने तनजोंग पैगार जीआरसी (ग्रुप रिप्रसेंटेशन कांस्टिट्यूऐंसी) से सांसद के रूप में अगस्त 2014 में तनजोंग पैगार जीआरसी के राष्ट्रीय दिवस भोज में भी शिरकत की थी। सितंबर 1923 में जन्मे कुआन को सिंगापुर के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है। वह 1959 से 1990 तक सिंगापुर के प्रधानमंत्री रहे। बाद में वरिष्ठ मंत्री और मंत्रिमंडल मार्गदर्शक के रूप में अपनी सेवा दी।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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