बिजनेस
सियाम ने 134 केंद्रों पर निशुल्क प्रदूषण जांच शिविर लगाया
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऑटोमोबाइल उद्योग की सर्वोच्च संस्था सियाम ने देश की राजधानी में 134 सर्विस सेंटरों पर मुफ्त प्रदूषण जांच शिविर आयोजित किए।
हाल ही में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद इस पहल को अंजाम दिया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था कि त्योहारों के अवसर वाहनों के प्रदूषण के कारण वातावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े और आम जनता को वाहनों की नियमित जांच द्वारा वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए जागरूक बनाया जा सके। ताकि हर व्यक्ति को साफ हवा मिले।
साल के इन दिनों में हवा की गुणवत्ता अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाती है। विभिन्न हितधारकों के संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप यह पहल राजधानी में प्रदूषण स्तर में कमी लाने में कारगर साबित हुई।
पाया गया है कि पिछले तीन सालों की तुलना में इस साल दिल्ली में अक्टूबर माह सबसे साफ महीना रहा। पिछले दो सालों में अक्टूबर की बात करें तो इस सीजन प्रदूषण के संदर्भ में ‘बुरे दिनों’ की संख्या काफी कम थी।
दशक-दर-दशक विभिन्न कारणों जैसे सड़कों पर धूल, फसलें जलाने और ओद्यौगिक प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है। इसी के मद्देनजर ऑटोमोबाइल उद्योग ने सक्रिय कदम उठाते हुए, एसआईएएम की सदस्य कम्पनियों के सहयोग से इस पहल को अंजाम दिया और वाहन मालिकों को अपने वाहनों के नियमित रखरखाव द्वारा वायु प्रदूषण में कमी लाने में योगदान के लिए प्रोत्साहित किया।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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