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‘सिल्क’ के किरदार ने मेरे अंदर के डर और हिचकिचाहट को खत्म कर दिया : विद्या

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(एक जनवरी को विद्या बालन के जन्मदिन पर विशेष)

vidya-balanनई दिल्ली। ‘परिणीता’, ‘कहानी’, ‘डर्टी पिक्चर’, ‘कहानी-2’ जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में धाक जमाने वाली अभिनेत्री विद्या बालन अपनी फिल्म की सफलता के लिए किसी लोकप्रिय पुरुष कलाकार की मोहताज नहीं हैं।

उन्होंने इस बात को साबित किया है कि अगर काम का जुनून और कड़ी मेहनत करने की प्रतिभा आप में है, तो आप स्वयं ही पूरी फिल्म को अपने दम पर खड़े करने के काबिल हैं। पहली जनवरी को जहां, पूरा विश्व नए साल का जश्न मना रहा होगा, वहीं विद्या नववर्ष के साथ-साथ अपना 38वां जन्मदिन भी मनाएंगी।

मुंबई के चेम्बूर में तमिल परिवार में एक जनवरी, 1979 को जन्मीं विद्या के पिता पी.आर. बालन ‘डिजिकेबल’ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हैं और उनकी मां सरस्वती बालन एक गृहिणी हैं। उनके घर में मलयालम और तमिल, दोनों भाषाओं में बात की जाती है। खास बात यह कि विद्या अच्छी हिंदी भी बोल लेती हैं।

माधुरी दीक्षित और शबाना आजमी से प्रेरित विद्या ने कम उम्र में फिल्म जगत में काम करने का मन बना लिया था। 16 साल की उम्र में उन्होंने एकता कपूर के टेलीविजन शो ‘हम पांच’ में काम किया था। हालांकि, वह फिल्मों करियर बनाना चाहती थीं। उनके माता-पिता ने उनके इस फैसले का समर्थन किया, लेकिन साथ ही पढ़ाई पूरी करने की शर्त भी रखी। विद्या ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक डिग्री और इसके बाद मुंबई विश्वविद्यालय से मास्टर की डिग्री हासिल की।

विद्या के लिए फिल्मों में करियर बनाने की राह आसान नहीं थी। मलयालम और तमिल फिल्म जगत में कई प्रयासों के बाद भी वह असफल रहीं। विद्या को बांग्ला फिल्म ‘भालो थेको’ से पहचान मिली। इस फिल्म में निभाए आनंदी के किरदार के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का आनंदलोक पुरस्कार भी जीता।

बॉलीवुड में उन्होंने ‘परिणीता’ फिल्म से कदम रखा। इस फिल्म में अपने अभिनय के दम पर उन्होंने सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार जीता, लेकिन उनका एक अलग पहचान बनाना अभी बाकी था। इसके बाद उन्होंने ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘गुरु’ और ‘सलाम-ए-इश्क’ जैसी कई फिल्में की, लेकिन उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 में आई प्रियदर्शन की फिल्म ‘भूल-भुलैया’ उनके करियर के लिए नया मोड़ साबित हुई। इसमें निभाए गए अवनी के किरदार की आलोचकों ने भी प्रशंसा की।

इसके बाद 2009 में आई ‘पा’ और विशाल भारद्वाज की ‘इश्किया’ ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। यहां से विद्या के लिए सफलता के रास्ते खुल गए। इसके बाद उन्हें 2011 में आई फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री) मिला।

जब विद्या से पूछा गया कि अब तक के करियर में किस किरदार में ढल पाना उनके लिए सबसे मुश्किल रहा? विद्या ने कहा, “हर फिल्म में एक नए किरदार को निभाना ही अपने आप में सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि यह एक अलग व्यक्तित्व की बात होती है, लेकिन ‘डर्टी पिक्चर’ में निभाया सिल्क स्मिता के किरदार में ढल पाना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था। हम दोनों का व्यक्तित्व एक-दूसरे से बिल्कुल अलग था, लेकिन सिल्क के किरदार ने मुझे मेरे अंदर के एक नए पहलू से मिलावाया। इसे निभाने के दौरान मैं अपने अंदर की हिचकिचाहट और डर से निकल पाई।”

विद्या के लिए उनका सबसे पसंदीदा किरदार ‘इश्किया’ फिल्म में निभाया कृष्णा वर्मा नामक महिला का है। अभिनेत्री ने कहा, “कृष्णा का किरदार निभाना भी मेरे लिए एक चुनौती भरा था, क्योंकि इसमें मैंने एक रहस्यमयी महिला का किरदार निभाया है। मुझे रहस्यमयी चीजें काफी पसंद हैं। इसलिए इस किरदार को निभाना रोमांचक भी रहा।”

सुजॉय घोष की 2012 में आई फिल्म ‘कहानी’ में विद्या द्वारा निभाया गया विद्या बागची नामक गर्भवती महिला का किरदार हर ओर सराहा गया और इसने अभिनेत्री को एक नायक भी साबित किया।

इसी साल विद्या ने ‘डिज्नी इंडिया’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ एक निजी समारोह में शादी रचाई। वह कई बार अपने वजन को लेकर भी आलोचना का शिकार हुईं, लेकिन विद्या के लिए ये बातें महत्व नहीं रखतीं।

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘कहानी-2’ में विद्या ने दुर्गा रानी सिंह का किरदार निभाया है, जो उनके लिए अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण किरदार रहा है। विद्या ने कहा, “दुर्गा का किरदार बेहद मुश्किल था। इस फिल्म में मुझे जो किरदार मिला, वह एक ऐसी महिला का था, जो बाल यौन शोषण का शिकार रही। वह इस डर से बाहर नहीं आई और इसलिए, वो अकेले रहना पसंद करती है। वहीं, दूसरी ओर जब वह किसी दूसरी बच्ची को इसका शिकार होते देखती है, तो उसे बचाने के लिए एकदम दुर्गा का रूप ले लेती है।”

अभिनेत्री ने कहा कि हर किरदार चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन ‘कहानी-2’ में निभाया दुर्गा का किरदार एक अलग चुनौती था। एक डरी-सहमी महिला से एक निडर महिला में तब्दील होने के उस संतुलन को बना पना ही अपने आप में चुनौती था।

अगले साल एक जनवरी को अपने 37वां जन्मदिन के बारे में विद्या ने कहा कि इस साल वह अपना जन्मदिन अपने परिवार के साथ मनाएंगी। यह एक निजी पार्टी होगी, जिसमें केवल उनके दोस्त और परिवार के करीबी सदस्य शामिल होंगे। उन्हें जन्मदिन और नए साल की ढेर सारी बधाइयां!!!

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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