अन्तर्राष्ट्रीय
सीआईए मुख्यालय पहुंचे ट्रंप, खुफिया कर्मियों का आभार जताया
वाशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यालय के पहले दिन सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) मुख्यालय का दौरा कर खुफिया कर्मियों के उस समुदाय का आभार जताया, जो चुनावी अभियानों में उनके निशाने पर रहा था। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने वर्जीनिया के लैंगली में शनिवार को 300 से 400 सीआई कर्मियों से बात की, जो नए कमांडर इन चीफ का संबोधन सुनने के लिए एकत्र हुए थे।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पहली बार मैं यहां आधिकारिक रूप से आया हूं। मुझे लगता है कि शायद ही कोई ऐसा हो जो खुफिया विभाग और सीआईए को इतना अधिक शक्तिशाली समझता हो जितना कि मैं समझता हूं।”
‘सीएनएन’ ने ट्रंप के हवाले से कहा, “मैं आपके साथ हूं और मैं जानता हूं कि कभी-कभी आपको वह समर्थन नहीं मिला, जो आप चाहते थे। मैं 1,000 प्रतिशत आपके साथ हूं।”
ट्रंप ने यह बातें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए शहीद हुए 117 सीआईए अधिकारियों की स्मृति में मुख्यालय की लॉबी में बने शहीद स्मारक के समक्ष कहीं। ट्रंप ने कहा, “मेरे पीछे जो दीवार है वह बहुत खास है।”
ट्रंप के इस दौरे को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने खुफिया विभाग के साथ अपने संबंधों पर हमेशा ही संदेह जताया है। उन्होंने रूस द्वारा डेमोक्रेट्स नेताओं के ई-मेल हैक कर अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने के सीआईए के दावे पर भी संदेह जताया था।
‘वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, ट्रंप ने अपने भाषण में उद्घाटन समारोह को कवर न करने को लेकर मीडिया पर भी निशाना साधा और समारोह में केवल 2,50,000 लोगों की ही भीड़ जुटने की रिपोर्टिग करने पर मीडिया पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “मैं मीडिया के साथ एक जंग लड़ रहा हूं, वे धरती के सबसे बेईमान लोगों में से हैं। उन्होंने इस मामले को इस तरह से पेश किया कि जैसे मेरा खुफिया विभाग के साथ झगड़ा या विवाद हुआ है।”
ट्रंप ने समारोह में जुटी भीड़ को लेकर मीडिया के दावे पर निशाना साधते हुए कहा, “वहां 10 या 15 लाख लोग नजर आ रहे थे।”
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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