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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में तीन फीसदी तेजी

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साप्ताहिक समीक्षा
मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब तीन फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.90 फीसदी या 801.91 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 28,463.31 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.98 फीसदी या 249.3 अंकों की तेजी के साथ 8,609.85 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 26 में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे इंफोसिस (6.94 फीसदी), मारुति (6.56 फीसदी), भेल (6.16 फीसदी), सिप्ला (5.54 फीसदी) और ल्युपिन (5.51 फीसदी)। सेंसेक्स के चार शेयरों टाटा मोटर्स (0.80 फीसदी), ओएनजीसी (0.46 फीसदी), वेदांता (0.34 फीसदी) और लार्सन एंड टुब्रो (0.02 फीसदी) में गिरावट रही। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 3.22 फीसदी या 349.73 अंकों की तेजी के साथ 11,220.18 पर और स्मॉलकैप 3.36 फीसदी या 380.43 अंकों की तेजी के साथ 11,716.37 पर बंद हुआ।

सोमवार 13 जुलाई को जारी आंकड़े में कहा गया कि देश की उपभोक्ता महंगाई दर जून महीने में 5.4 फीसदी रही, जो मई में 5.01 फीसदी थी। मंगलवार 14 जुलाई को जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, देश की थोक महंगाई दर जून महीने में नकारात्मक 2.4 फीसदी रही, जो मई में नकारात्मक 2.36 फीसदी थी। साथ ही अप्रैल-जून 2015 अवधि की महंगाई दर 1.42 फीसदी रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.5 फीसदी थी।

बुधवार 15 जुलाई को जारी एक अन्य सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश का निर्यात जून महीने में 15.82 फीसदी घटकर 22.29 अरब डॉलर रहा। आयात इस दौरान 13.4 फीसदी घटकर 33.11 अरब डॉलर रहा। इसी दौरान तेल आयात 34.97 फीसदी घटकर 8.67 अरब डॉलर रहा। गैर-तेल आयात 1.85 फीसदी घटकर 24.44 अरब डॉलर रहा। देश का व्यापार घाटा इस दौरान 10.82 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 11.76 अरब डॉलर था।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में बुधवार को चीन ने कहा कि दूसरी तिमाही में उसकी विकास दर सात फीसदी रही। चीन ने सालाना विकास दर लक्ष्य भी सात फीसदी के करीब तय किया है। गुरुवार 16 जुलाई को ग्रीस की संसद ने अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं को पेश किए गए बेलआउट शर्तो को मंजूरी दे दी। इसके तहत ग्रीस सरकार खर्च में भारी कटौती करेगी, आर्थिक सुधार अपनाएगी और कर बढ़ाएगी। यूरो जोन और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से अगले तीन साल की अवधि के लिए 95 अरब डॉलर कर्ज हासिल करने के लिए इन शर्तो को मानना ग्रीस के लिए जरूरी था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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