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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में साढ़े तीन फीसदी गिरावट

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साप्ताहिक समीक्षा
मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह साढ़े तीन फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.56 फीसदी या 973.69 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 26,392.38 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 3.59 फीसदी या 298 अंकों की गिरावट के साथ 8,001.95 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से तीन में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे कोल इंडिया (2.49 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.30 फीसदी) और वेदांता (1.69 फीसदी)।

सेंसेक्स के 27 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे मारुति सुजुकी (7.90 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (7.08 फीसदी), गेल (7.04 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (6.79 फीसदी) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (6.75 फीसदी)। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी चार से साढ़े पांच फीसदी गिरावट रही। मिडकैप 4.08 फीसदी या 457.24 अंकों की गिरावट के साथ 10,759.41 पर और स्मॉलकैप 5.32 फीसदी या 617.62 अंकों की गिरावट के साथ 10,992.82 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सोमवार 24 अगस्त को बाजार में अंकों के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 1,624.51 अंकों या 5.94 फीसदी गिरावट के साथ 25,741.56 पर बंद हुआ, जो 11 अगस्त 2014 के बाद निचला बंद स्तर था। चीन में अनुमान से कम विकास दर रहने की चिंता के कारण भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के शेष कारोबारी सत्रों में हालांकि उतार-चढ़ाव के साथ बाजार गिरावट से थोड़ा उबरा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारतीय बाजार वैश्विक अर्थव्यवस्था से अछूता नहीं रह सकता है, लेकिन विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में विस्तार और लगभग सामान्य मानसून से अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत मिलते हैं। मंगलवार 25 अगस्त को चीन के केंद्रीय बैंक ने मुख्य ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर 4.6 फीसदी कर दिया, जो बुधवार से प्रभावी हो गया। पीबीओसी ने जमा दर में भी 25 आधार अंकों की कटौती कर 1.75 फीसदी कर दिया, जो बुधवार से प्रभावी हो गया। केंद्रीय बैंक ने आवश्यक आरक्षी अनुपात (आरआरआर) में भी 50 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की, जो छह सितंबर से प्रभावी होगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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