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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक तेजी

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त कारोबारी सप्ताह में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में दो फीसदी से अधिक तेजी दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.92 फीसदी या 801.50 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 28,260.14 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.94 फीसदी या 244.85 अंकों की तेजी के साथ 8,586.25 पर बंद हुआ।

शेयर बाजारों में गत सप्ताह सिर्फ तीन कारोबारी सत्र संपन्न हुए। गुरुवार और शुक्रवार को क्रमश: महावीर जयंती तथा गुडफ्राइडे के अवसर पर बाजार बंद रहे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से पिछले सप्ताह 27 में तेजी रही, जिसमें प्रमुख रहे भारती एयरटेल (6.86 फीसदी), सन फार्मा (6.72 फीसदी), एचडीएफसी (5.71 फीसदी), टाटा मोटर्स (5.38 फीसदी) और आईटीसी (4.79 फीसदी)।

सेंसेक्स में तीन शेयरों में गिरावट रही, जिनमें शामिल रहे इंफोसिस (1.35 फीसदी), हिंडाल्को (1.05 फीसदी) और भेल (0.32 फीसदी)। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तीन से छह फीसदी तेजी रही। मिडकैप 3.77 फीसदी या 390.49 अंकों की तेजी के साथ 10,750.42 पर और स्मॉलकैप 6.76 फीसदी या 706.03 अंकों की तेजी के साथ 11,146.72 पर बंद हुआ। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मंगलवार 31 मार्च 2015 को जारी आंकड़े के मुताबिक आठ प्रमुख अवसंरचना उद्योगों की विकास दर फरवरी में 1.4 फीसदी रही। अप्रैल 2014 से फरवरी 2015 की अवधि में प्रमुख अवसंरचना उद्योगों की औसत विकास दर 3.8 फीसदी रही।

यूरोजोन में विनिर्माण उत्पादन मार्च महीने में 10 महीने के ऊपरी स्तर पर दर्ज किया गया। बुधवार एक अप्रैल को जारी मार्किट इकनॉमिक्स के आंकड़ों के मुताबिक यूरोजोन विनिर्माण पीएमआई सूचकांक मार्च में 51.9 पर रहा, जो फरवरी में 51 पर था। बुधवार एक अप्रैल को ही जारी आंकड़े के मुताबिक चीन का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स मार्च में 50.1 पर रहा, जो फरवरी में 49.9 पर था, हालांकि एचएसबीसी चीन विनिर्माण पीएमआई मार्च में घटकर 49.6 पर आग गया, जो फरवरी में 50.7 पर था। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 27 मार्च को जारी आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका की आर्थिक विकास दर चौथी तिमाही में 2.2 फीसदी रही, जो तीसरी तिमाही में पांच फीसदी थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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