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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक तेजी रही

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में दो फीसदी से अधिक की तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.32 फीसदी या 633.5 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,957.50 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.38 फीसदी या 196.6 अंकों की तेजी के साथ 8,458.95 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे सन फार्मा (6.01 फीसदी), बजाज ऑटो (5.90 फीसदी), टीसीएस (4.38 फीसदी), एचडीएफसी (4.34 फीसदी) और डॉ रेड्डीज लैब (4.22 फीसदी)। सेंसेक्स के छह शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे टाटा स्टील (6.03 फीसदी), एसबीआई (1.71 फीसदी), सिप्ला (1.45 फीसदी), वेदांता (1.21 फीसदी) और टाटा मोटर्स (0.94 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी आधे से डेढ़ फीसदी तक की तेजी रही। मिडकैप 0.53 फीसदी या 55.89 अंकों की तेजी के साथ 10,619.81 पर और स्मॉलकैप 1.51 फीसदी या 166.87 अंकों की तेजी के साथ 11,207.66 पर बंद हुआ। शुक्रवार 15 मई को बाजार बंद होने के बाद जारी एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2015 में देश का वस्तु निर्यात 13.96 फीसदी घटकर 22.05 अरब डॉलर रहा। इसी दौरान आयात 7.48 फीसदी घटकर 33.04 अरब डॉलर रहा।

गुरुवार 21 मई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतवंशियों के लिए देश में निवेश करना आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नीति में कुछ निश्चित बदलाव के लिए मंजूरी दे दी। भारतवंशियों में अनिवासी भारतीय (एनआरआई), र्पसस ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) और ओवरसीज इंडियंस ऑफ इंडिया (ओसीआई) शामिल हैं। इसके तहत एनआरआई की परिभाषा बदलने की मंजूरी दी गई है, जिसके तहत नागरिकता अधिनियम-1955 की धारा 7 (ए) के तहत विदेश में रहने वाला भारतीय नागरिक या ओसीआई कार्डधारक एनआरआई माने जाएंगे और केंद्र सरकार की 19 अगस्त, 2002 की अधिसूचना के तहत पंजीकृत पीआईओ को ओसीआई माना जाएगा। साथ ही विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) के तहत एनआरआई के निवेश को एक भारतीय के निवेश के समान घरेलू निवेश माना जाएगा। बयान के मुताबिक, इस बदलाव से देश में निवेश में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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