Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 4 फीसदी से अधिक गिरावट

Published

on

bse, सेंसेक्स, शेयर बाजार, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

Loading

मुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह चार फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 4.51 फीसदी या 1,190.48 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,201.90 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 4.34 फीसदी या 346.9 अंकों की गिरावट के साथ 7,655.05 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे भेल (11.91 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (9.78 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (9.71 फीसदी), हिंडाल्को (9.66 फीसदी) और आईसीआईसीआई बैंक (9.06 फीसदी)। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े तीन फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 3.71 फीसदी या 399.51 अंकों की गिरावट के साथ 10,359.90 पर और स्मॉलकैप 3.53 फीसदी या 387.58 अंकों की गिरावट के साथ 10,605.24 पर बंद हुआ।

केंद्र सरकार ने मंगलवार एक सितंबर 2015 को कहा कि उसने न्यायमूर्ति ए.पी शाह समिति की उन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा एक अप्रैल 2015 से पहले शेयर बाजार में किए गए कारोबार पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) नहीं लगाने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने फरवरी में पेश बजट में भी कहा था कि एक अप्रैल 2015 से एफआईआई पर एमएटी नहीं लगाया जाएगा।

सोमवार 31 अगस्त को सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में देश की विकास दर 7.5 फीसदी रही, जो गत कारोबारी वर्ष की आखिरी तिमाही में 7.5 फीसदी थी। सोमवार को ही जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, प्रमुख आठ उद्योगों की विकास दर जुलाई 2015 में 1.1 फीसदी रही, जो इससे एक महीने पहले तीन फीसदी थी। यह विकास दर अप्रैल से जुलाई तक की अवधि के लिए 2.1 फीसदी रही। आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 38 फीसदी योगदान होता है। इस लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending