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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 4 फीसदी से अधिक गिरावट

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह चार फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 4.51 फीसदी या 1,190.48 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,201.90 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 4.34 फीसदी या 346.9 अंकों की गिरावट के साथ 7,655.05 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे भेल (11.91 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (9.78 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (9.71 फीसदी), हिंडाल्को (9.66 फीसदी) और आईसीआईसीआई बैंक (9.06 फीसदी)। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े तीन फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 3.71 फीसदी या 399.51 अंकों की गिरावट के साथ 10,359.90 पर और स्मॉलकैप 3.53 फीसदी या 387.58 अंकों की गिरावट के साथ 10,605.24 पर बंद हुआ।

केंद्र सरकार ने मंगलवार एक सितंबर 2015 को कहा कि उसने न्यायमूर्ति ए.पी शाह समिति की उन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा एक अप्रैल 2015 से पहले शेयर बाजार में किए गए कारोबार पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) नहीं लगाने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने फरवरी में पेश बजट में भी कहा था कि एक अप्रैल 2015 से एफआईआई पर एमएटी नहीं लगाया जाएगा।

सोमवार 31 अगस्त को सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में देश की विकास दर 7.5 फीसदी रही, जो गत कारोबारी वर्ष की आखिरी तिमाही में 7.5 फीसदी थी। सोमवार को ही जारी एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, प्रमुख आठ उद्योगों की विकास दर जुलाई 2015 में 1.1 फीसदी रही, जो इससे एक महीने पहले तीन फीसदी थी। यह विकास दर अप्रैल से जुलाई तक की अवधि के लिए 2.1 फीसदी रही। आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 38 फीसदी योगदान होता है। इस लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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