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बिजनेस

सेक्स और हिंसा से नहीं बिकता उत्पाद

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सेक्स और हिंसा, नहीं बिकता उत्पाद, ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी, कम्युनिकेशन व साइकोलॉजी

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न्यूयॉर्क| लोकप्रिय धारणा के विपरीत, सेक्सी व हिंसात्मक सामग्री के सहारे मीडिया में उत्पादों के प्रचार से बिक्री में इजाफा नहीं होता। हालिया शोध में यह बात सामने आई है। ओहियो स्टेट युनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन व साइकोलॉजी के प्रोफेसर व अध्ययन के सह लेखक ब्रैड बुशमन ने कहा, “लोग विज्ञापन देखते समय सेक्सी अदाओं और हिसा में इस कदर खो जाते हैं कि वे विज्ञापन के संदेश पर ध्यान ही केंद्रित नहीं कर पाते।

बुशमैन ने कहा, विज्ञापनदाताओं को यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि सेक्सी अदाएं और हिंसा ही उनके उत्पादों की बिक्नी बढ़ाएगी।” शोधकर्ताओं ने 44 सालों के 53 विभिन्न शोधों का मूल्यांकन किया, जिसमें लगभग 8500 लोगों ने हिस्सा लिया। परिणाम ऑनलाइन पत्रिका ‘साइकोलॉजिकल बुलेटिन’ में प्रकाशित हुआ है। यह विश्लेषण मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे प्रिंट, टेलीविजन, फिल्म और कुछ वीडियो गेम्स को ध्यान में रखकर किया गया।

उन्होंने पाया कि जिन विज्ञापनों में सेक्सी भावना व हिंसा परोसी गई, उस विज्ञापन के ब्रांड के बारे में लोगों को कुछ याद नहीं रहा। उन्होंने पाया कि जिन विज्ञापनों में सेक्सी अदाएं या हिंसा या फिर यौन तथा हिंसा दोनों हैं, वहां ब्नांड मेमोरी और विज्ञापनों में काफी असमानताएं हैं। शोध कहता है कि सेक्स विज्ञापन ब्रांड के प्रति नजरिए तथा उसे खरीदने की मंशा को नुकसान नहीं पहुंचाता।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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