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सेना प्रमुख की नियुक्ति में वरिष्ठता नजरअंदाज, खड़े हुए सवाल

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general bipin rawatनई दिल्ली। सेनाध्यक्ष की नियुक्ति के मामले में सरकार ने 33 साल बाद वरिष्ठता को नजरअंदाज किया है। आर्मी में सबसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी पर सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को तरजीह दी है। कांग्रेस ने बिपिन रावत की नियुक्ति पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा है कि नियुक्तिमें वरिष्ठता का ख्याल क्यों नहीं रखा गया?

सरकार का कहना है कि बिपिन को मेरिट के आधार पर चुना गया है। सरकार के पास किसी को भी सेनाध्यक्ष चुनने का हक है लेकिन अबतक ज्यादातर मामलों में सबसे वरिष्ठ को ही इस पद पर लाया जाता है। पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के बाद सबसे वरिष्ठ है जबकि दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरीज अगले सबसे वरिष्ठ हैं।

हालांकि, बिपिन रावत की नियुक्तिको लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष शर्मा का कहना है कि आर्मी चीफ की नियुक्ति में वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन क्यों नहीं किया गया? क्यों सीनियरिटी को नजरअंदाज किया गया? तिवारी ने दावा किया है कि लेफ्टिनेंट जनरल रावत तीसरे नहीं बल्कि चौथे वरिष्ठ हैं। यहां तक कि मध्य कमांड के सेना कमान के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी उनसे वरिष्ठ हैं।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी नए आर्मी चीफ की नियुक्ति में वरिष्ठता का सम्मान न किए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में पारदर्शिता जरूरी है। सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि सेना को किसी विवाद में घसीटना ठीक नहीं है लेकिन सरकार को बताना चाहिए क्यों वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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