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बिजनेस

सेम्बकॉर्प को 250 मेगावॉट पवन ऊर्जा परियोजना आवंटित

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| सेम्बकॉर्प के भारतीय अक्षय ऊर्जा (रीन्यूएबल एनर्जी) व्यापार खंड को 250 मेगावॉट पवन परियोजना के लिए काम आवंटित होने का आधिकारिक पत्र जारी कर दिया गया है।

कंपनी को यह परियोजना सोलर एनर्जी कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) द्वारा आयोजित दूसरी अंर्तदेशीय पवन ऊर्जा नीलामी में प्रदान किया गया है जिसे नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के आधार पर एसईसीआई द्वारा इस 4 अक्टूबर को आयोजित किया गया था।

कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना को विभिन्न चरणों में विकसित किया जाएगा और 2019 की पहली छमाही तक इसको पूरी तरह से विकसित कर चालू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सेम्बकॉर्प ने अब तक भारत में दो सबसे बड़़ी संयुक्त क्षमता की राष्ट्रीय पवन ऊर्जा निविदाओं को जीतने में सफल रही है।

कंपनी ने बताया कि परियोजना के पूरा होने पर, इसके संपूर्ण बिजली उत्पादन को 25 साल के दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते के तहत एसईसीआई को बेचा जाएगा। यह परियोजना भारत की केंद्रीय ट्रांसमिशन यूटिलिटी से जुड़ी होगी और कई राज्यों को बिजली की आपूर्ति करेगी, जिससे उन्हें अपनी रीन्यूएबल ऊर्जा आवश्यकता पूरी करने में मदद मिलेगी।

सेम्बकॉर्प इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कंट्री हेड विपुल तुली ने कहा, यह नई अक्षय ऊर्जा परियोजना देश में अपने ऊर्जा व्यापार को मजबूत और अधिक मजबूत बनाने के लिए सेम्बकॉर्प की रणनीति के अनुरूप है। यह भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और देश की निरंतर प्रगति को प्रोत्साहित करने में भूमिका निभा रही है।

सेबकॉर्प ग्रीन इंफ्रा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील गुप्ता ने कहा, उपकरणों की कीमतों में गिरावट के साथ हमें दोहरा अवसर मिला है कि हम कम दरों पर क्लीन एनर्जी एनर्जी से तैयार बिजली प्रदान कर सकें।

कंपनी देश भर में 4000 मेगावाट बिजली क्षमता की परियोजनाओं का संचालन और विकास कर रही है। इनमें थर्मल और अक्षय ऊर्जा, दोनों तरह की परियोजनाएं शामिल हैं।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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