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हेल्थ

सेहतमंद दिल चाहते हैं तो साथ रखें पेट्स को

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नई दिल्ली। जो लोग कुत्ता या बिल्ली पालते हैं, उनके लिए वे सिर्फ पालतू जानवर नहीं होते, बल्कि उनके दोस्त होते हैं। ऐसा दोस्त जिसके साथ आप अपने दुख व खुशियां बांट सकते हैं। अगर आपके पास एक प्यारा सा कुत्ता हो तो वह आपके अकेलापन, अवसाद या तनाव को कम करता है और सकारात्मक जिंदगी जीने में मददगार साबित होता है।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कुत्ता पालने से होने वाले स्वास्थ्य लाभों से इनकार नहीं किया जा सकता। जिनके पास पालतू कुत्ते होते हैं, उनका रक्तचाप कम और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियमित रहता है। उनमें मोटापा और अवसाद होने की संभावना भी कम होती है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, “इस बारे में कई शोध सामने आ चुके हैं, जिनसे पता चलता है कि जिन लोगों के पास पालतू कुत्ता होता है, उनमें कोलेस्ट्रॉल और टरिगलीस्राइड का स्तर कम होता है।”

उन्होंने कहा कि यह हाईपरटेंशन और मोटापे के खतरे को भी कम करता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कुत्ता होने से शारीरिक गतिविधि बढ़ती है और तनाव कम करने में मदद मिलती है। यह घर पर सकारात्मक माहौल बनाता है और खुशियां बढ़ाने में मदद करता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा, “कुत्ते को रोज सैर करवाने से आपको भी धूप में जाने का मौका मिलता है, जिससे आपका शरीर उचित मात्रा में विटामिन-डी सोख लेता है, जो कि सेहतमंद दिल के लिए बेहद जरूरी है।”

उन्होंने बताया कि नियमित तौर पर कुत्ते के साथ खेलने और उसका ख्याल रखने ये आपका रक्तचाप संतुलित रहता है और तनावमुक्त करने वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन निकलते हैं, जिससे तनाव पैदा करने वाला हार्मोन कोर्टिसोल कम होता है। डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, “जानवर बहुत अधिक देखभाल और प्यार की मांग करते हैं। उनकी सेहत का भी खूब ध्यान रखना पड़ता है, जिसके बदले आपकी सेहत भी अच्छी रहती है। अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो फिर आपको इन्हें रखने में कोई बाधा नहीं आएगी।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि पालतू जानवर रखने और दिल की बीमारियां कम होने में कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन यह एक समुचित नजरिया है जो एक अच्छी जीवनशैली अपनाने और दिल की अच्छी सेहत बनाने में मदद कर सकता है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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