बिजनेस
स्टार यूनियन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने पहली बार अर्जित किया लाभ
लखनऊ। स्टार यूनियन डाय ची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि. ने वित्त वर्ष 2014-15 में पहली बार 12.87 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। कंपनी ने लाभदायक विकास रणनीति को अपनाकर परिचालन के छठे वर्ष में पहली बार लाभ कमाने की उपलब्धि हासिल की है। स्टार यूनियन डाय ची की उपलब्धियां बैंकाश्योरेंस माडल की सुदृढ़ता को दर्शाती है। यह माडल अपने शेयरधारक बैंकों यानी बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आफ इंडिया और उनके सहयोगी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से दक्षतापूर्वक शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं तक पहुंचने में सक्षम रहा है।
समीक्षाधीन वित्त वर्ष के दौरान, कंपनी ने नये बिजनेस प्रीमियम में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 630 करोड़ रूपये रहा। इंडीविजुअल न्यू बिजनेस इफेक्टिव प्रीमियम इनकम (ईपीआइ) 19 प्रतिशत बढ़कर 402 करोड़ रूपये पहुंच गई है। गत वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 339 करोड़ रूपये था। जबकि उद्योग की ईपीआइ में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। रिन्युअल प्रीमियम में 31 प्रतिशत की बढ़त देखी गई और यह 505 करोड़ रूपये पहुंच गया। परिणामस्वरूप, कंवर्जन रेशियो गत वित्त वर्ष के 67 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 70 प्रतिशत पर आ गया।
वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनी की कुल प्रीमियम आय 1135 करोड़ रूपये पहुंच गई है। विगत वित्त वर्ष में यह आय 949 करोड़ रूपये थी। रेगुलर प्रीमियम पाॅलिसी और पारंपरिक उत्पादों पर मजबूती से किये गये फोकस के कारण आय में वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 20 प्रतिशत बढ़कर 5,539 करोड़ रूपये दर्ज की गई।
कुल प्रीमियम में परिचालन खर्च अनुपात 20 प्रतिशत रहा जबकि गत वर्ष यह 23 प्रतिशत पर था। लागत प्रबंधन पहलों के माध्यम से निरंतर निगरानी और फोकस से परिचालन खर्च को कम करने में मदद मिली है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2014-15 में ग्रामीण एवं सामाजिक क्षेत्र के प्रति उत्तरदायित्वों से बढ़कर प्रदर्शन किया है। पिछले साल भी इसमें बेहतर प्रदर्शन किया था। स्टार यूनियन डायची का साल्वेंसी अनुपात 251 प्रतिशत रहा, जबकि विनामकीय आवश्यकता 150 प्रतिशत थी।
वित्तीय परिणामों की घोषणा करते हुये गिरीश कुलकर्णी, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ ने कहा, ‘‘हमने चुनौतीपूर्ण बाजार परिस्थितियों के बावजूद लगातार तीसरे वर्ष खुदरा व्यवसाय में 20 प्रतिशत का सुदृढ़ विकास जारी रखा है। परिचालन के छठे पूर्ण वर्ष में प्रीमियम बुक ने अब मुनाफा देना प्रारंभ कर दिया है। हमारा क्लेम सेटलमेंट रेशियो भी 96 प्रतिशत पर बना हुआ है। अल्पव्ययी परिचालन माॅडल हमें हमारे स्वस्थ लागत अनुपात के साथ एक धार प्रदान कर रहा है। यह उपलब्धि हमारे कर्मचारियों, हितधारकों और हमारे वितरक बैंकों का परिणाम एवं प्रतिबद्धता है।‘‘
स्टार यूनियन डाय-ची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विषय में:
स्टार यूनियन डाय-ची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि. (एसयूडी लाइफ) बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आफ इंडिया और जापान की प्रमुख जीवन बीमा कंपनी डाय-ची लाइफ का संयुक्त उपक्रम है। बैंक आफ इंडिया और यूनियन बैंक सार्वजनिक क्षेत्र में भारत के अग्रणी बैंक हैं, जिनका 10,00 से अधिक शाखाओं का सुदृढ़ देशव्यापी नेटवर्क है, जो 64 मिलियन से अधिक ग्राहकों की जरूरतों की पूर्ति करता है। बैंक आफ इंडिया और यूनियन बैंक ने चुनिंदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजित किया है जोकि एसयूडी लाइफ को 1500 से अधिक शाखाओं तक पहुंच उपलब्ध कराते हैं। यह शाखायें ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन बीमा उत्पाद उपलब्ध कराती हैं।
डाय-ची लाइफ जापान की दूसरी सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है और विश्व में शीर्ष 10 जीवन बीमा कंपनियों में शामिल है। डाय-ची लाइफ की स्थापना वर्ष 1902 में की गई थी और यह दुनिया भर में सम्मानित ब्रांड नाम है। डाय-ची लाइफ शानदार उत्पाद ज्ञान, सर्वोत्कृष्ट परिसंपत्ति प्रबंधन कौशल और सुदृढ़ परिचालनीय क्षमताओं के लिए विख्यात है, जोकि विश्वव्यापी स्तर पर कंपनी के जीवन बीमा व्यवसाय को प्रंबधित करते हैं।
एसयूडी लाइफ ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार समाज के विभिन्न वर्गों एवं भौगोलिक क्षेत्रों में बीमा उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एसयूडी लाइफ में ग्राहकों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाती है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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