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हम वार्ता चाहते हैं, हुर्रियत से बातचीत नहीं : भारत

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जयपुर/इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच 23 अगस्त को प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता पर खतरे के बादल मंडराते दिख रहे हैं। पाकिस्तान जहां वार्ता से पूर्व अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की नई दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात पर अड़ा है, वहीं भारत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि ऐसा करना ‘ठीक नहीं होगा।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने जयपुर में संवाददाताओं को बताया, “हम वार्ता चाहते हैं। हम वार्ता कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान ने हमें अभी (23 अगस्त को हुर्रियत नेताओं के साथ अजीज की मुलाकात पर) स्थिति स्पष्ट नहीं की है। हमने वार्ता का एजेंडा भी स्पष्ट करने के लिए कहा है, जो ऊफा संयुक्त बयान के मुताबिक होनी चाहिए।”

स्वरूप ने शुक्रवार सुबह एक बयान में कहा था कि यहां 23-24 अगस्त को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ होने जा रही वार्ता से पूर्व पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज का हुर्रियत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करना ‘उचित नहीं होगा।’ स्वरूप ने कहा कि अलगाववादी नेताओं के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर पाकिस्तान को गुरुवार को ही चेताया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसी मुलाकात आतंकवाद का मिलकर सामने करने के ऊफा (रूस) समझौते की भावना और निष्ठा के अनुरूप नहीं होगी।

स्वरूप ने एक बयान में कहा, “हमने पाकिस्तान से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता के लिए अपने प्रस्तावित एजेंडे की पुष्टि की भी मांग की है। इस एजेंडे से पाकिस्तानी पक्ष को 18 अगस्त को अवगत करा दिया गया था।” वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कश्मीरी अलगाववादी नेताओं का कहना है कि अजीज से मुलाकात के लिए उन्हें पाकिस्तान उच्चायोग से निमंत्रण मिला है।

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने 23 अगस्त को होने वाली वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया है। इनमें सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के नेता और यासीन मलिक एवं नईम खान जैसे अन्य अलगाववादी नेता भी शामिल हैं।

ऊफा (रूस) में 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच वार्ता हुई थी। दोनों मुल्कों ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद-संबंधी मुद्दों को लेकर नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता रखने की बात कही थी। सरताज अजीज 23 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आएंगे और उसी शाम उनका यहां पाकिस्तान के उच्चायुक्त के आवास ‘पाकिस्तान हाउस’ में एक समारोह में हुर्रियत नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने गुरुवार को कहा था, “इस तरह की मुलाकातों में कुछ भी असामान्य नहीं है। पाकिस्तान के लिए भारत के साथ उच्चस्तरीय बैठकों से पहले हुर्रियत नेताओं के साथ मंत्रणा एक आम बात है।”

वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पाकिस्तान को लेकर भारत सरकार के ढुलमुल रवैये की आलोचना करते हुए कहा, “सरकार खुद उल्लू बन रही है।” उन्होंने कहा, “अजीज और पाकिस्तान जैसा बर्ताव कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान की बातचीत में दिलचस्पी नहीं है। अजीज ने अब तक अपने यात्रा संबंधी कार्यक्रम की जानकारी भी नहीं भेजी है।” वहीं, अन्य कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आर.पी.एन. सिंह ने केंद्र सरकार की नीति को ढुलमुल करार देते हुए कहा, “इससे पाकिस्तान को कड़ा संदेश नहीं मिलेगा।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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