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मुख्य समाचार

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट में एक और मंत्री शामिल

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शिमला| हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाले कैबिनेट में गुरुवार को एक और मंत्री को शामिल किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की तीन साल की सरकार में राज्य मंत्रिमंडल का दूसरी बार विस्तार किया गया है।

हिमाचल प्रदेश के गवर्नर अचार्य देवव्रत ने कुल्लू जिले के बंजार निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए करण सिंह को राजभवन में आयोजित सादे समारोह में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

करण सिंह को आयुर्वेद एवं सहकारी विभाग सौंपा गया है।

करण सिंह (58) इससे पूर्व 1998-2003 के बीच प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में प्राथमिक शिक्षा मंत्री थे।

दिसंबर 2012 के राज्य विधानसभा चुनावों से ठीक पहले वह भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

करण सिंह को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद अब हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित 12 मंत्री हैं, जो राज्य मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा है।

इससे पहले पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को दो मार्च 2003 को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “अब मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना नहीं है।”

उन्होंने कहा कि करण सिंह को आयुर्वेद मंत्रालय सौंपा गया है, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय जितना ही महत्वपूर्ण विभाग है।

 

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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