बिजनेस
11 लाख पैन हुए डिएक्टिवेट,ऐसे जानें कहीं आपका पैन तो नहीं हुआ बंद
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाते हुए देशभर में करीब 11.44 लाख से अधिक पैन कार्ड या तो बंद कर दिए हैं या फिर उन्हें डिएक्टिवेट कर दिया गया हैं। ऐसा अधिकतर उन मामलों में किया गया है, जहां किसी के पास एक से अधिक पैन कार्ड थे। यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने दी है।
पैन आवंटन का नियम है कि एक व्यक्ति के पास एक ही पैन कार्ड रहे। वहीं, आधार को पैन से लिंक कराने को लेकर भी समय–समय पर कहा जा रहा है कि यदि समय रहते यह काम नहीं किया गया तो भी पैन कार्ड बंद हो सकता है।
ऐसे में कई लोगों के मन आशंकित है कि बंद किए गए पैन कार्ड में उनका पैन भी तो शामिल नहीं है। हम आपको यहां बताएंगे कि ऑनलाइन जाकर आप किस तरह अपने पैन का वर्तमान स्टेटस जान सकते हैं –
ऐसे जानें आपका पैन कार्ड एक्टिव है या नहीं
1. इनकम टैक्स की वेबसाइट पर क्लिक करें। साइट पर KNOW YOUR PAN विकल्प दिखेगा। इस पर क्लिक कर दें। यहां किसी प्रकार के लॉगइन की जरूरत नहीं होगी। incometaxindiaefiling.gov.in/e-Filing/Services/KnowYourPanLinkGS.html से भी यहां जा सकते हैं। इस पर क्लिक करने के बाद एक नई विंडो ओपन होगी, जहां एक फॉर्म दिया जाएगा।
2. फॉर्म में मिडल नेम, सरनेम और फर्स्ट नेम भरना होगा। यह पैन कार्ड पर दी गई जानकारी के अनुसार ही होना चाहिए। अगर मिडल नेम नहीं लिखते हैं तो इस कॉलम को खाली छोड़ा जा सकता है। पैन कार्ड में दी गई जन्म तारीख ही दर्ज करें। मोबाइल नंबर आदि जानकारी दर्ज कर सबमिट पर क्लिक करें।
3. इसके बाद एक नई विंडो खुलेगी। यहां पता चल जाएगा कि पैन कार्ड का स्टेटस क्या है। अगर एक्टिव है तो यहां पर यह दिख जाएगा।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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