प्रादेशिक
बिहार विधानमंडल परिसर में महागठबंधन के सदस्यों का धरना
पटना | बिहार विधानमंडल परिसर में शुक्रवार को सत्ताधारी महागठबंधन के विधायकों और विधान पार्षदों ने धरना दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में जमकर नारे लगाए। इसमें शामिल नेताओं का कहना है कि नोटबंदी को लेकर किसान और मजदूर परेशान हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में इस धरना-प्र्दशन में महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड) तथा कांग्रेस के सभी सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।
राबड़ी देवी ने कहा कि नोटबंदी के बाद किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, मजदूर परेशान हैं। लोग अपने ही पैसों के लिए दिनभर भटक रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों की याद दिलाते हुए कहा कि लोगों के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये कब डाले जाएंगे, यह उन्हें बताना चाहिए।
महागठबंधन के इस धरना को लोग एकजुटता दिखाए जाने के रूप में देख रहे हैं। सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू हुआ धरना विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले समाप्त हो गया।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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