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उफ यह परफेक्शनिस्ट पति! पत्नी से मांगता 20 CM की गोल रोटी, घरेलू कामों के लिए भरवाता रजिस्टर

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पति-पत्नी के बीच झगड़े होना तो आम बात है लेकिन उसमें भी खाने को लेकर होने वाली कहासुनी तो बिल्कुल भी नई बात नहीं है। हालांकि जब पति-पत्नी के बीच झगड़ा 20 सेंटीमीटर की गोल रोटी को लेकर हो तो किसी को भी आश्चर्य होगा।

दरअसल पुणे की एक कोर्ट में तलाक के लिए एक महिला ने आवेदन किया है। तलाक की वजह पति की शर्त है कि किचन में बनने वाली रोटी का व्यास 20 सेमी. ही होना चाहिए। पत्नी का आरोप है कि उसका आईटी इंजीनियर पति चाहता है कि गोल रोटी की परिधि का व्यास 20 सेमी होना चाहिए। ऐसा न होने पर वह अक्सर मारपीट भी करता है। पत्नी ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में शिकायत की है।

पत्नी ने बताया कि उसके पति में यह पागलपन इस हद तक है कि वह हर चीज में परफेक्शन नहीं, बल्कि अति परफेक्शन की उम्मीद करता है। रोटी बनने के बाद वह इसका माप भी लेता है।

यही नहीं उसकी हरकतें बेहद अजीब हैं और वह चाहता है कि दिन भर में किए गए कामों का ब्यौरा शीट पर अलग-अलग रंगों में दर्ज किया जाए। यदि तयशुदा कोई काम नहीं हुआ तो उसके न होने का कारण लिखने के लिए भी अलग से कॉलम तैयार हो। एक भी कॉलम खाली रहने पर पत्नी की आफत आ जाती है और पति गाली-गलौच, अपमान और मारपीट पर उतारू हो जाता है।

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बेंगलुरु में ऑटो चालक ने लिखवाया अनोखा स्लोगन, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट से मचा बवाल

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बेंगलुरु। आखिर ऑटो वाले ने अपनी गाड़ी के पीछे ऐसा क्या लिखवा दिया, जिस पर इतना हो हंगामा मच गया. दरअसल, ऑटो ड्राइवर ने महिलाओं के सम्मान में इंग्लिश में कुछ लाइनें लिखवाई थीं, ‘Slim or fat, black or white, virgin or not. All girls deserve respect.’ मतलब- मोटी हो या पतली, गोरी हो या काली, कुंआरी हो या न हो. सभी लड़कियों को सम्मान मिलना चाहिए. किसी राहगीर की नजर जब इस स्लोगन पर पड़ी, तो उसने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जो अब इंटरनेट पर वायरल है.

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट

30 सितंबर को @kreepkroop एक्स हैंडल से यूजर ने तस्वीर शेयर कर लिखा, बेंगलुरु की सड़कों पर कुछ कट्टर नारीवादी. इस पोस्ट को अब तक 90 हजार बार देखा जा चुका है, जबकि लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. जहां कई यूजर्स ने ऑटो वाले के स्लोगन को विवादित करार दिया, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि इसमें कट्टर नारीवाद जैसा कुछ भी नहीं है.

एक यूजर ने कमेंट किया, ऑटो वाले भैया अधिकांश पढ़े-लिखे लोगों की तुलना में कहीं अधिक सम्य हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोगों को इसमें कट्टर नारीवादी सोच कहां से दिख गई. वहीं, दूसरे यूजर का कहना है, यह कट्टर नारीवाद नहीं है. पर इस बात से जरूर सहमत हूं कि लिखने का अंदाज थोड़ा अटपटा है. वर्जिन या नॉट वर्जिन की जगह मैरिड या अनमैरिड भी लिखा जा सकता था. फिर भी, ड्राइवर कम से कम महिलाओं का सम्मान तो कर रहा है. एक अन्य यूजर ने लिखा, कुछ भी बकवास लिखा है. ये वर्जिन क्या होता है

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